शिमला। हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर में गिरी पार के हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति दर्जा देने का मामला हिमाचल हाईकोर्ट में विचाराधीन है। राष्ट्रपति की ओर से अधिसूचना जारी होने के बाद मामला हाईकोर्ट पहुंचने से क्षेत्रवासियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
ऐसे में इसको लेकर कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन चौहान से हाटी विकास मंच ट्रांस गिरी के प्रतिनिधिमंडल ने हिमाचल हाईकोर्ट में महाधिवक्ता (AG) के साथ एक संयुक्त बैठक की। इस बैठक में हाटी समुदाय को अनुचित जनजाति का दर्जा जल्द लागू करने को लेकर चर्चा हुई।
हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि हाईकोर्ट में मामले का जल्द से जल्द निपटारा करने को लेकर सरकार पूरी मदद करेगी। इस दौरान उन्होंने भाजपा पर मुद्दे को हाईजैक करने और केंद्रीय हाटी संघर्ष समिति पर भाजपा का पिट्ठू बनने का आरोप लगाया है।
कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति दर्जा देने को लेकर सरकार का पक्ष साफ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने को के मामले में असमंजस की स्थिति केंद्र सरकार की अधिसूचना की वजह से हुई। उन्होंने कहा कि केंद्र जैसे इस मामले में अपना स्पष्टीकरण देता है और हाईकोर्ट से मामले पर फैसला आता है उसके 24 घंटे के भीतर सरकार इसको लागू करेगी।
हाटी विकास मंच गिरीपार के अध्यक्ष प्रताप सिंह तोमर ने कहा कि हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति दर्जा देने के मामले की वर्तमान स्थिति को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल ने कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन चौहान से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि कैबिनेट मंत्री की ओर से उन्हें आश्वासन दिया गया है कि इस मामले में सरकार हाटी समुदाय की पूरी तरह से मदद करने का प्रयास करेगी।
हिमाचल हाईकोर्ट में महाधिवक्ता अनूप रतन ने कहा कि हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्रदेश में लागू करने के मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि आज एक प्रतिनिधि मंडल ने उनसे मुलाकात की है।
महाधिवक्ता ने कहा कि अपनी दलीलों के जरिए जल्द से जल्द इस मामले का निपटारा करने का प्रयास करेंगे। 21 नवंबर को इस मामले में सुनवाई होनी है। मगर सरकार न्यायालय से दरखास्त करेगी कि जल्द से जल्द मामले को सुना जाए।