धर्मशाला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जिला कांगड़ा के ढगवार में 1.50 लाख लीटर प्रतिदिन (एलएलपीडी) क्षमता वाले अत्याधुनिक दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र की आधारशिला रखी। उन्होंने कहा कि संयंत्र की प्रारंभिक प्रसंस्करण क्षमता 1.50 एलएलपीडी है, जिसे भविष्य में तीन एलएलपीडी तक बढ़ाया जा सकता है। इस संयत्र के क्रियाशील होने के बाद कांगड़ा, मंडी, हमीरपुर, चंबा और ऊना जिलों के किसानों की आर्थिकी सुदृढ़ होगी, जिससे 35,000 से अधिक दुग्ध उत्पादक लाभान्वित होंगे।
उन्होंने कहा कि दुग्ध उत्पादकों की आय में वृद्धि होने के साथ इससे दुग्ध संग्रहण, प्रसंस्करण, गुणवत्ता नियंत्रण और वितरण में रोजगार के अवसर सृजित होंगे। इससे लोगों को परिवहन, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन और रखरखाव सेवाओं जैसे क्षेत्रों में अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिलेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संयत्र के निर्माण के लिए राज्य सरकार द्वारा पूर्ण धनराशि उपलब्ध करवाई जा रही है और इसका निर्माण कार्य फरवरी 2026 तक पूरा हो जाएगा। यह संयंत्र ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण में मील पत्थर साबित होगा। संयत्र के क्रियाशील होने के बाद किसानों को प्रतिदिन 40 लाख रुपये के भुगतान किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा दूध की दरों में वृद्धि के बाद मिल्कफेड की दैनिक दूध खरीद क्षमता 1,40,000 लीटर से बढ़कर 2,10,000 लीटर हो गई है।
इस अत्याधुनिक दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र में प्रतिदिन 1.50 लाख लीटर दूध का प्रसंस्करण किया जाएगा जिससे दही, लस्सी, मक्खन, घी, पनीर, फ्लेवर्ड मिल्क, खोया और मोजरेला चीज सहित विभिन्न प्रकार के डेयरी उत्पाद तैयार किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला शिमला के दत्तनगर स्थित दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र की क्षमता को 20,000 लीटर से बढ़ाकर 70,000 लीटर प्रतिदिन किया गया है, जिसके लिए 25.67 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं। इससे शिमला, कुल्लू, मंडी और किन्नौर जिलों के डेयरी क्षेत्र से जुड़े लोगों को लाभ मिल रहा है और 271 डेयरी सहकारी समितियों से जुड़े लगभग 20,000 किसान इसका लाभ उठा रहे हैं।