शिमला नगर निगम चुनाव में नया बवाल, आयोग पहुंची भाजपा-की शिकायत
ewn24news choice of himachal 02 May,2023 4:39 pm
ईवीएम में प्रत्याशियों के चिन्ह का स्थान बदलने का जड़ा आरोप
शिमला।नगर निगम चुनाव शिमला को लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। मतदान के दिन आज नया विवाद शुरू हो गया है। भाजपा ने ईवीएम मशीन में भाजपा उम्मीदवारों के स्थान बदलने के आरोप लगाए हैं और इसको लेकर चुनाव आयोग में शिकायत भी दी गई है। छोटा शिमला और कंगना धार वार्ड में भाजपा उम्मीदवारों के स्थान बदलने के आरोप लगाए गए हैं।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल ने कहा कि कांग्रेस सरकार नगर निगम चुनाव में धांधली कर रही है। अभी तक किसी भी चुनाव में ऐसा नहीं हुआ है। कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों को जिताने के लिए ईवीएम मशीन के अंदर भाजपा के चुनाव चिन्ह के स्थान बदल दिए हैं।
वार्ड नंबर 18 छोटा शिमला में चुनाव आयोग की वेबसाइट पर भाजपा उम्मीदवार पहले नंबर पर हैं और भाजपा उम्मीदवार द्वारा डमी बैलेट बनाकर इसको लेकर प्रचार भी किया गया, लेकिन आज जैसे ही मतदान शुरू हुआ तो मशीनें खोली गई तो भाजपा के उम्मीदवार जोकि पहले स्थान से थे उन्हें उठाकर दूसरे स्थान पर रखा गया और कांग्रेस के उम्मीदवार को तीसरे स्थान से उठाकर पहले स्थान पर पहुंचाया गया।
कांग्रेस द्वारा चुनाव को प्रभावित करने के लिए इस तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। यही नहीं कंगना धार में भी भाजपा के उम्मीदवार रेनू चौहान जोकि तीसरे नंबर पर थी, उनको चौथे नंबर पर कर दिया गया है। इसको लेकर चुनाव आयोग में शिकायत दी गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि शिमला नगर निगम चुनाव को कांग्रेस की सरकार पहले दिन से ही प्रभावित करने का प्रयास कर रही है। भाजपा इसको लेकर आवाज उठाती आ रही है। वार्ड नंबर 28 के प्रत्याशी को जब चिन्ह जारी किया तो चुनाव आयोग ने कहा कि आपका चिन्ह ईवीएम पर नंबर एक पर होगा। कांग्रेस का चिन्ह नंबर तीन पर था। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उसी तरह है। ईवीएम रखी गई तो भाजपा समर्थित प्रत्याशी का एक की जगह दो पर कर दिया गया। कांग्रेस का चिन्ह नंबर एक पर कर दिया। वार्ड कंगनाधार में भी ऐसा हुआ है।
ईवीएम में प्रत्याशियों का स्थान बदलने के भाजपा के आरोप पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पलटवार किया है। उन्होंने छोटा शिमला में वोट डालने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि शिमला की जनता पढ़ी लिखी है और अच्छी तरह जानती है कि किस पार्टी को वोट डालना है। नाम ऊपर और नीचे करने से क्या होगा। सब चुनाव आयोग की गाइडलाइन के हिसाब से होता है। जबसे चुनावी प्रक्रिया चली है उनकी चुनाव आयोग से बात तक नहीं हुई है। भाजपा के यह आरोप निराधार हैं।