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भारत में प्रोटोटाइप रिमोट ईवीएम का प्रदर्शन 16 जनवरी को होगा

आयोग ने राजनीतिक दलों को किया आमंत्रित
नई दिल्ली।  भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विकसित बहु निर्वाचन क्षेत्र प्रोटोटाइप रिमोट ईवीएम का प्रदर्शन (Demonstration) 16 जनवरी को होगा। आयोग ने बहु निर्वाचन क्षेत्र प्रोटोटाइप रिमोट ईवीएम की कार्यप्रणाली का प्रदर्शन (Demonstration) करने के लिए सभी मान्यता प्राप्त 8 राष्ट्रीय और 57 राज्यीय दलों को 16 जनवरी 2023 को आमंत्रित किया है। इस अवसर पर आयोग की तकनीकी विशेषज्ञ समिति के सदस्य भी उपस्थित रहेंगे।
वहीं, आयोग ने अपेक्षित विधिक परिवर्तनों, प्रशासनिक प्रक्रियाओं में परिवर्तनों और घरेलू प्रवासी मतदाताओं के लिए मतदान की पद्धति/आरवीएम/प्रौद्योगिकी यदि कोई हो सहित विभिन्न संबंधित मामलों पर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से 31 जनवरी 2023 तक लिखित मंतव्य (विचार) देने का भी अनुरोध किया है।  विभिन्न हितधारकों से प्राप्त फीडबैक और प्रोटोटाइप के प्रदर्शन के आधार पर आयोग रिमोट मतदान पद्धति को क्रियान्वित करने की प्रक्रिया को उपयुक्त तरीके से आगे बढ़ाएगा।
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बता दें कि भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव में वोट प्रतिशतता बढ़ाने और ज्यादा से ज्यादा लोगों की सहभागिता सुनिश्चित करवाने के लिए बड़ी पहल की है। आयोग ने रोजगार शिक्षा या अन्य कारणों से गृह नगर से देश में आन्य जगह रह रहे नागरिकों को रिमोट वोटिंग की सुविधा देने पर काम शुरू किया है। इससे देश में कहीं से भी अपने गृह/मूल निर्वाचन क्षेत्र के लिए मतदान करना संभव होगा।
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आयोग घरेलू प्रवासी मतदाताओं की भागीदारी का संभव करने के लिए उनके रिमोट लोकेशन अर्थात शिक्षा/रोजगार आदि के प्रयोजन से उनके मौजूदा निवास स्थान से उनके गृह निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मतदान करने की सुविधा प्रदान करने के लिए एक बहु निर्वाचन क्षेत्र रिमोट इलेक्ट्ऱॉनिक वोटिंग मशीन को प्रोयोगिक तौर पर शुरू करने के लिए तैयार है। ईवीएम का यह संशोधित रूप एक एकल रिमोट पोलिंग बूथ से 72 विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों पर मतदान करा सकता है।  इस सुविधा के शुरू होने के बाद प्रवासी मतदाताओं को मतदान के लिए वापस अपने गृह राज्य/ नगर जाने के झंझट से मुक्ति मिलेगी।
भारत चुनाव आयोग का मानना है कि प्रौद्योगिकीय तरक्की के युग में प्रवासन के आधार पर मतदान के अधिकार से वंचित करना स्वीकार विकल्प नहीं है। आयोग के अनुसार वोटर टर्नआउट में सुधार लाने और निर्वाचन में अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में एक प्रमुख बाधा आंतरिक प्रवासन (घरेलू प्रवासियों) के कारण मतदाताओं द्वारा मतदान न कर पाना भी है, जिसका समाधान किया जाना आवश्यक है। इसका हल ढूंढने के लिए आयोग की टीम ने कई विकल्पों पर विचार किया। इसके बाद M3 ईवीएम मॉडल के संशोधित संस्करण का उपयोग करने का विकल्प ढूंढा।

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