हिमाचल में घर बनाने की सोच रहे तो जरूर पढ़ें यह खबर- टेस्टिंग जरूरी
ewn24news choice of himachal 09 Oct,2023 5:06 pm
प्रदेश की मिट्टी अधिक रेतीली
शिमला। अन्य पहाड़ी राज्यों की तुलना में हिमाचल की मिट्टी अधिक रेतीली है, इसलिए यहां घर बनाने से पहले मिट्टी की टेस्टिंग बेहद जरूरी है, ताकि मिट्टी की क्षमता के हिसाब से ट्रीटमेंट की जा सके। साथ ही भविष्य में घर टूटने से बचाए जा सकें। बेतरतीब शहरीकरण से आपदा में नुकसान कई गुणा बढ़ जाता है। सड़कों, पुलों और बहुमंजिला इमारतों का निर्माण इस प्रकार होना चाहिए कि वे इस प्रकार की आपदा को झेल सकें।
इसके अलावा रिहायशी क्षेत्रों में भी अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए। यह बात एनआईटी (NIT) हमीरपुर के डायरेक्टर हरिलाल मुरलीधर रघुवंशी ने एक सेमिनार में संबोधित करते हुए दी। आपदा की गतिशीलता पर विकासार्थ विद्यार्थी हिमाचल प्रदेश द्वारा शिमला में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। संगोष्ठी में हिमाचल में आई आपदा को लेकर चर्चा की जा रही है, जिसमें विशेषज्ञ भविष्य में इस तरह की त्रासदी से बचने को लेकर अपने सुझाव दे रहे हैं।
संगोष्ठी में एनआईटी (NIT) हमीरपुर के डायरेक्टर हरिलाल मुरलीधर रघुवंशी, एबीवीपी (ABVP) के राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान और मंडी विश्वविद्यालय के पूर्व वीसी प्रो. डीडी शर्मा ने अपने विचार साझा किए। वहीं, इस दौरान एबीवीपी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान ने कहा कि अब वक्त आ गया है, जब हिमाचल में हुई आपदा की समीक्षा की जानी चाहिए।
हिमाचल को किस प्रकार से भविष्य में आपदा से बचाया जा सकता है, इस पर आज के सेमिनार में मंथन किया जा रहा है। सेमिनार से जो कुछ निष्कर्ष निकलेगा, उसे प्रदेश सरकार से भी साझा किया जाएगा। राजधानी शिमला क्षेत्र से भीड़ कम करनी होगी और कुछ दफ्तर यहां से बाहर शिफ्ट करने होंगे। समय रहते संजौली के सिमिट्री में उचित कदम उठाए जाने चाहिए, ताकि भूकंप जैसी स्थिति में भी वहां कम से कम नुकसान हो।