हिमाचल : सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से ही शुरू होगी इंग्लिश मीडियम की पढ़ाई
ewn24news choice of himachal 26 Nov,2023 2:17 pm
शिक्षकों को एक्सपोजर विजिट के लिए भेजा जाएगा विदेश
शिमला। शिक्षा के क्षेत्र में कुछ साल पहले तक दूसरे स्थान पर रहने वाले हिमाचल प्रदेश की रैंकिंग 13वें स्थान से अब 17वें स्थान पर पहुंच गई है। यानी हिमाचल में शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है। प्रदेश में जगह-जगह कम दूरी पर स्कूल खुलने, रट्टा अधिक लगने और यू डाइस डाटा सही तरीके से न भरने से रैंकिंग में कमी दर्ज हुई है। परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स 2021-22 की रिपोर्ट के बाद अब सरकार भी जागी है शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के लिए एक्शन प्लान बनाना शुरू कर दिया है।
सरकार अब सरकारी स्कूलों में पढ़ाई-लिखाई का तरीका बदलने वाली है। प्रदेश के स्कूलों में अब छात्र पहली कक्षा से ही इंग्लिश मीडियम की पढ़ाई करेंगे। कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों से पहले प्रदेश में चार इंग्लिश मीडियम स्कूल खोलने का वादा किया था जिसमें सरकार ने कुछ बदलाव किया है। सरकार ने 10-15 किलोमीटर के दायरे में सुविधायुक्त स्कूल देने और परिणाम बढ़ाने पर फोकस करने का भी फैसला लिया गया है।
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूल में इंग्लिश मीडियम की पढ़ाई शुरू करने को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में शिक्षा के स्तर में गिरावट आई है। पांचवीं कक्षा के बच्चे तीसरी कक्षा का सिलेबस नहीं पड़ पा रहे हैं यह बहुत चिंताजनक है। ऐसे में सरकार अगले शैक्षणिक सत्र में शिक्षा के स्तर में व्यापक सुधार लाने के लिए काम करने वाली है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने सातवीं गारंटी हिमाचल में चार अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोलने की थी जिसमें बदलाव करते हुए प्रदेश सरकार ने प्रत्येक स्कूल में पहली कक्षा से इंग्लिश मीडियम की पढ़ाई अगले शैक्षणिक सत्र से शुरू करवाने का फैसला किया है। इसके साथ ही ड्रेस कोड भी स्कूल स्तर पर लागू करने की घोषणा की गई है।
इस दौरान मुख्यमंत्री सुक्खू ने पूर्व सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि हिमाचल की स्कूल में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की जरूरत है लेकिन पूर्व की भाजपा सरकार ने तो 900 संस्थान खोल दिए थे जिनमें अध्यापकों की नियुक्ति करने के लिए प्रदेश सरकार के पास साधन नहीं हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ये भी कहा कि प्रदेश के शिक्षकों को एक्सपोजर विजिट के लिए विदेशों में भेजा जाएगा। इसके साथ ही विद्या समीक्षा केंद्र डेटाबेस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित होगा। प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था किस तरह से चलेगी और प्रदेश में शिक्षा का स्तर कैसा होगा इसकी समीक्षा करने के बाद विद्या समीक्षा केंद्र डेटाबेस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से शिक्षण संस्थाओं को निर्देश दिया जाएगा।