शिमला। हिमाचल प्रदेश राज्य हस्तशिल्प एवम हथकरघा निगम की तरफ से शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में लगाई गई प्रदर्शनी में हाथ से बनाए कपड़े व उत्पाद लोगों को खूब भा रहे हैं। सात दिवसीय प्रदर्शनी में कुल्लू व मंडी के बुनकरो द्वारा खड्डियों द्वारा निर्मित उत्पाद लगाए गए हैं। जिनमें कुल्लू की शॉल, कुल्लवी व किन्नोरी टोपी, जुराबें जैकेट्स, सदरी व अन्य उत्पाद प्रमुख हैं।
वहीं, प्रदर्शनी में स्टॉल लगाने वाले बुनकरों का कहना है कि कुल्लू की शॉल के प्रति लोगों का अच्छा रूझान देखने को मिल रहा है। हाथ से की गई कारीगरी में समय अधिक लगता है उसी की कीमत होती है।
कोरोना में उनके धंधे को हुए नुकसान से उबारने के लिए इस तरह की प्रदर्शनियां महत्वपूर्ण हैं। उनका कहना है कि आज के दौर में रेडीमेट्स की ओर लोगों का झुकाव है, लेकिन हाथ से निर्मित कपड़ों की भी विशेष पहचान है।