HRTC कर्मियों और पेंशनर को दिवाली का तोहफा, भरे जाएंगे कंडक्टर के 300 पद
ewn24news choice of himachal 17 Oct,2023 3:48 pm
बीओडी की बैठक में मिली मंजूरी
शिमला। एचआरटीसी (HRTC) कर्मियों और पेंशनर को दिवाली का तोहफा मिल गया है। हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) की बीओडी की बैठक में लंबित महंगाई भत्ता देने का निर्णय लिया है। 3 करोड़ के लगभग महंगाई भत्ता एक किस्त में अदा किया जाएगा।
इसके साथ ही कमीशन के माध्यम से 300 कंडक्टर के पद भरने को भी मंजूरी दी है। साथ ही किराये में किसी भी प्रकार की बढ़ोतरी न करने का निर्णय लिया है। बीओडी बैठक डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में संपन्न हुई।
बीओडी बैठक की जानकारी देते हुए डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि एचआरटीसी 50 साल में प्रवेश कर गया है। यह गोल्डन जुबली साल है। एक साल के अंदर क्या गतिविधियां करनी हैं, इसको लेकर बैठक में चर्चा हुई। इसके लिए कैलेंडर जारी किया जाएगा।
कैलेंडर में एक साल में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी होगी। इसके अलावा धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने को लेकर भी मंथन हुआ। इसके लिए प्रदेश और देश के धार्मिक स्थलों के लिए रूट रि डिजाइन किए जाएंगे। इसके लिए 100 रूट चिन्हित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि एचआरटीसी कर्मचारियों और पेंशनर का करीब 3 करोड़ महंगाई भत्ता लंबित है। बीओडी की बैठक में महंगाई भत्ता के रूप में दिवाली का तोहफा देने का फैसला लिया है। यह एक किस्त में अदा किया जाएगा।
डिप्टी सीएम ने कहा कि सितंबर 2023 तक मानदंड पूरा करने वाले 400 कर्मचारियों को नियमित किया है। साथ ही कर्मचारियों का छुट्टियों का पैसा अदा करने का भी निर्णय लिया है। एचआरटीसी में ओपीएस को भी प्राथमिकता के साथ लागू किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि कंडक्टर के 300 पद कमीशन के आधार पर भरने मंजूरी कर दी है। इसके साथ एचआरटीसी खर्चे घटाओ आय बढ़ाओ की नीति पर चल रहा है। एचआरटीसी का एक माह का खर्च 145 करोड़ रुपए है।
आमदनी 70 से 75 करोड़ के बीच है। बाकी सरकार से लेते हैं। किराए में किसी भी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि हाल ही में निजी बस ऑपरेटर उनसे मिले थे और न्यूनतम किराये में बढ़ोतरी की मांग की थी। बीओडी में किराये को न बढ़ाने का फैसला लिया है।
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि लगेज पॉलिसी में कोई बदलाव नहीं किया गया है। अगर कुछ बदलाव हुआ है तो यह कि जो लोग बस में सफर नहीं करते हैं और सामान भेजते हैं, उनसे किराया लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि शुरुआत में निगम को करीब एक करोड़ रुपए आमदनी हुई है।