शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट ने बुधवार को (CPS) मामले में तीसरी याचिका पर भी फैसला सुना दिया है।
पीपल फॉर रिस्पॉन्सिबल गवर्नेंस संस्था की याचिका पर जजमेंट सुनाते हुए कोर्ट ने सीपीएस (CPS) की नियुक्ति के लिए बनाए गए एक्ट को असंवैधानिक बताया और सीपीएस (CPS) को पदों से हटाने के आदेश दिए।
बता दें कि कल्पना नाम की एक महिला के अलावा भाजपा के 11 विधायकों और पीपल फॉर रिस्पॉन्सिबल गवर्नेंस संस्था ने सीपीएस की नियुक्ति को असंवैधानिक बताते हुए हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
याचिकाकर्ता कल्पना और भाजपा के 11 विधायकों की याचिका पर कोर्ट बीते 13 नवंबर को आदेश सुना चुका है, जबकि पीपल फॉर रिस्पांन्सिबल गवर्नेंस संस्था की याचिका पर बुधवार को फैसला सुनाया है।
कोर्ट ने सीपीएस (CPS) की नियुक्ति गलत करार दिया है। इसलिए कोर्ट ने इन्हें पदों से हटाने के आदेश दिए हैं। हालांकि सभी सीपीएस बीते 13 नवंबर के ऑर्डर के बाद ही हट गए हैं। सरकार ने इनसे गाड़ी, दफ्तर, स्टाफ जैसी सुविधाएं भी वापस ले ली हैं।
गौर हो कि रोहड़ू के विधायक एमएल ब्राक्टा, कुल्लू के विधायक सुंदर सिंह ठाकुर, अर्की के विधायक संजय अवस्थी, पालमपुर के विधायक आशीष बुटेल, दून के विधायक राम कुमार चौधरी और बैजनाथ के विधायक किशोरी लाल को सीपीएस बनाया गया था, जिन्हें कोर्ट के आदेश के बाद हटा दिया गया है।