शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने हिमाचल भवन, 27-सिकंदरा रोड, मंडी हाउस, नई दिल्ली को कुर्क करने के आदेश जारी किए हैं। कोर्ट ने आर्बिट्रेशन अवार्ड की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए यह आदेश जारी किए हैं।
हिमाचल हाईकोर्ट के न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने सेली हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी लिमिटेड द्वारा ऊर्जा विभाग के खिलाफ दायर अनुपालना याचिका पर सुनवाई के पश्चात यह आदेश जारी किए।
कोर्ट ने एमपीपी और पावर विभाग के प्रमुख सचिव को भी जांच के आदेश जारी किए हैं। प्रमुख सचिव जांच करेंगे कि किस विशेष अधिकारी अथवा अधिकारियों की चूक के कारण 64 करोड़ रुपए की सात फीसदी ब्याज सहित अवार्ड राशि कोर्ट में जमा नहीं की गई है।
कोर्ट ने 15 दिन के भीतर जांच पूरी कर अगली तारीख तक रिपोर्ट सौंपने को कहा है। मामले की आगामी सुनवाई 6 दिसंबर को होगी। कोर्ट ने कहा कि दोषी अधिकारियों का पता लगाना जरूरी है, ताकि ब्याज को अधिकारियों-कर्मचारियों से व्यक्तिगत रूप से वसूलने के आदेश दिए जा सकें।
बता दें कि वर्ष 2009 में सरकार ने कंपनी को 320 मेगावाट का बिजली प्रोजेक्ट आवंटित किया था। यह प्रोजेक्ट लाहौल स्पीति में लगाया जाना था। सरकार ने उस समय प्रोजेक्ट लगाने के लिए बीआरओ को सड़क निर्माण का कार्य दिया था। समझौते के अनुसार सरकार ने कंपनी को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवानी थीं, ताकि कंपनी समय पर प्रोजेक्ट का काम शुरू कर सके। कंपनी ने वर्ष 2017 में हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की।
उधर, मामले को लेकर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल भवन प्रदेश की सम्मानजनक प्रॉपर्टी है, जहां हम हर हिमाचली सम्मान के साथ जाता है।
हिमाचल भवन को नीलाम करने के आदेश सरकार के लिए दुर्भाग्यपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि यह सरकार लगातार ऐसे फैसले ले रही है, जिससे हिमाचल प्रदेश की फजीहत हो रही है।
वहीं, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने कहा कि हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार पर प्रश्न चिन्ह लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार हर जगह नाकाम रही है। अपना पक्ष कोर्ट में नहीं रख पा रही है। यही वजह है कि हिमाचल भवन को दिल्ली को अटैच करने के आदेश दिए गए हैं।