सत्र के आखिरी दिन तपा तपोवन, विपक्ष का हंगामा- असंवैधानिक करार
ewn24news choice of himachal 06 Jan,2023 6:06 pm
चर्चा के लिए समय नहीं देने का लगाया आरोप
धर्मशाला। कांगड़ा जिला के धर्मशाला के तपोवन में आज हिमाचल विधानसभा का शीतकालीन सत्र समाप्त हुआ। सत्र का आखिरी दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। हिमाचल में डिनोटिफाई मुद्दे पर विपक्ष ने हंगामा किया। सदन में काफी देर तक हंगामा होता रहा। विपक्ष राज्यपाल के अभिभाषण की चर्चा का जवाब सुने बिना ही नारेबाजी करते सदन से बाहर आ गया। वहीं, हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने विपक्ष के हंगामे को असंवैधानिक करार दिया है।
विपक्ष ने आरोप लगाया कि उन्हें बोलने के लिए समय नहीं दिया जा रहा है, जबकि सत्तापक्ष के विधायक अपनी मनमर्जी कर रहे हैं। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और भाजपा विधायक विपिन परमार ने विधानसभा परिसर में कहा कि हमने नियमों की पालना की और सत्ता पक्ष ने अवहेलना की। सत्ता पक्ष में आपस में कोई तालमेल नहीं है। कोई मंत्री बनना चाहता है तो कोई चेयरमैन। शीतकालीन सत्र में किसी प्रकार का उत्साह देखने को नहीं मिला है। सत्ता पक्ष ने जनादेश की धज्जियां उड़ाई हैं। उन्होंने दो टूक कहा कि आगे बजट सत्र भी है। बजट सत्र में भी विपक्ष सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। अगर संवाद ठीक रहा तो सहयोग देंगे और अगर संवादहीनता हुई तो सदन में आवाज उठाएंगे।
वहीं हिमाचल विधानसभा स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने विपक्ष के हंगामे को नियमों के खिलाफ करार दिया है। उन्होंने विधानसभा परिसर में मीडिया से बातचीत में कहा कि सदन नियमों पर चलता है। ऐसा नहीं कि कोई भी सदस्य मनमर्जी से सीट पर खड़े होकर जो मर्जी बोलना चाहे बोल सकता है। ऐसे में सदन और बाहर में कोई फर्क नहीं रह जाएगा। सदन की व्यवस्था को कायम करने के लिए उन्हें जो करना चाहिए था नियमों के अनुरूप किया है और व्यवस्था दी है। विपक्ष के प्रदर्शन को असंवैधानिक करार दिया है। इसे रिकॉर्ड के हटा दिया गया है।
बता दें कि हिमाचल में 14वीं विधानसभा का पहला सत्र धर्मशाला के तपोवन में 4 जनवरी को शुरू हुआ था। पहले ही दिन सदस्यों की शपथ से पहले विपक्ष ने पूर्व जयराम सरकार के समय खोले दफ्तरों और संस्थानों को बंद करने के विरोध में हल्ला बोला था। विपक्ष ने दो टूक कहा था कि अगर सरकार फैसले पुनर्विचार नहीं करती है तो सदन के अंदर और बाहर विरोध जारी रहेगा।