बनखंडी। कष्टों का निवारण करती है मां बगलामुखी .... मां के दर पर सच्ची श्रद्धा से आने वाला कोई भी व्यक्ति निराश नहीं लौटता है। मां बगलामुखी का भव्य मंदिर हिमाचल में कांगड़ा जिला के रानीताल-देहरा सड़क के किनारे बनखंडी में स्थित है। जब भी आप मंदिर के पास से गुजरे तो हवन की सुगंध और मंत्र उच्चारण की ध्वनि से मन प्रफुल्लित हो जाता है।
मां बगलामुखी न केवल लोगों के कष्टों का निवारण करती है, बल्कि सैकड़ों लोगों के परिवारों का पालन पोषण भी माता कर रही हैं। मंदिर के चलते आसपास के क्षेत्रों के कई लोगों को रोजगार भी मिला है। कष्ट निवारण मां बगलामुखी की जयंती 28 अप्रैल को धूमधाम से मनाई जा रही है। 28 अप्रैल को ढोल नगाड़ों से महाआरती का आयोजन होगा। भक्त इस दिन मां के दरबार में सादर आमंत्रित हैं।
भक्त इस पावन अवसर पर मां के दरबार हाजिर लगाकर अपनी मनोकमना पूरी कर सकते हैं। माता बगलामुखी का दस महाविद्याओं में 8वां स्थान है तथा इस देवी का पूजन,पाठ, हवन विशेष कर घर में शांति, व्यापार में बढ़ोतरी, मुकदमें में जीत, चुनाव में विजय और शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
सिद्धपीठ माता बगलामुखी मंदिर की बात करें तो इस मंदिर की स्थापना त्रेतायुग में भगवान राम के द्वारा की गई। महंत देवीगिरी जी ने मंदिर के उत्थान के लिए बहुत कार्य किया और अब उनके बेटे महंत रजत गिरी मंदिर के चहुमुखी विकास के लिए कार्य कर रहे हैं।
पहले की तुलना में आज मंदिर का भव्य रूप बड़ा मनमोहक लगता है। मंदिर प्रबंधन समिति द्वारा श्रद्धालुओं के लिए व्यापक सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं। लंगर के अतिरिक्त मंदिर परिसर में पेयजल, शौचालय, ठहरने की व्यवस्था का विशेष प्रबंध है।