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स्पेशल स्टोरी : डूंगाकन्सर का ये तालाब है खास, कभी नहीं सूखता पानी, चूड़धार से भी नाता

ewn24news choice of himachal 31 Dec,2022 4:13 pm

    राजगढ़। हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों में अलग-अलग स्थान हैं जहां पर कुछ न कुछ विशेष होता ही है। आज हम भी ऐसे ही एक विशेष स्थान के बारे में आपको जानकारी देने वाले है। आज हम आपको ऐसे तालाब के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी कुछ खास विशेषताएं हैं।


    जिस जगह पर ये तालाब है उसका नाम है डूंगाकन्सर जो जिला शिमला व जिला सिरमौर को अलग-अलग बांटता है। यानी कह लीजिए कि ये तालाब शिमला और सिरमौर जिला की सीमा के बिलकुल बीच में है। इस तालाब के एक ओर जिला शिमला का पुलवाहल इलाका और दूसरी तरफ सिरमौर जिला की पझौता वैली का ठण्डीधार, बेड़ जमोली ओर भ्राच इलाका पड़ता है। ये तालाब इसलिए खास है क्योंकि ये कभी सूखता नहीं है। सर्दियों के समय इसका पानी जम जरूर जाता है जैसा कि इन दिनों जम चुका है।


    पझौता वैली का ठण्डीधार, बेड़ जमोली ओर भ्राच इलाके में यदि कोई भी पूजन होता है या मंदिर में पूजा करनी होती है जिसे पहाड़ी भाषा में सिन्ज कहते हैं। उस सिन्ज को करने के लिए जो पंडित बैठते हैं वो अलग-अलग तरह की सामग्रियां मंगवाते हैं जिसमें पांच व सात या 9 तालाबों का पानी भी मंगवाया जाता है। वो उस तालाब का पानी मंगवाते जो तालाब कभी सूखता नहीं है। उनमें से ये तालाब भी एक है। यहां का पानी पूजा आदि में इस्तेमाल किया जाता है।


    इसक जगह की एक और विशेषता ये है कि पुलवाहल या पझौता इलाके के लोग जब शिरगुल महाराज की तपोस्थली चूड़धार की यात्रा पर निकलते हैं तो इसी तालाब से होकर जाना होता है। एक तरह से ये तालाब जंगल के बीचोंबीच राहगीरों के लिए एक चिन्ह का काम भी करता है ताकि कोई रास्ता भटक न जाए।



    ये वीडियो हमें भेजा है ठंडीधार के भ्राच गांव से राजपूत सुनील छींटा ने ..... आपके पास भी इस तरह की कोई जानकारी है तो आप हमें ewn24news@gmail.com पर मेल कर सकते हैं ....




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