सात दिन पहले हुआ था दादी का निधन
हमीरपुर। मां-बाप के बुढ़ापे का सहारा और घर का इकलौता कमाने वाला था बेटा जब दुनिया में न रहे तो उन पर क्या बीतती है ये दर्द सिर्फ वहीं समझ पाते हैं। कुछ ऐसा ही उम्र भर का दर्द मिला है शहीद अमित के मां-बाप को। हमीरपुर के तलासी खुर्द गांव में अमित की शहादते की खबर के बाद से ही मातम पसरा हुआ है। मां का रो-रोकर बुरा हाल है तो पिता किसी तरह खुद को संभाल रहे हैं वहीं बहन भी भाई का नाम ले-लेकर रोती जा रही है।
शहीद अमित का पार्थिव शरीर पैतृक गांव कब पहुंचेगा इसका अभी कुछ भी पता नहीं चल पाया है। जिला प्रशासन का कहना है कि अभी जम्मू कश्मीर से इस बारे कोई भी जानकारी नहीं मिल पाई है। मौसम खराब होने की वजह से इसमें देरी हो रही है।
अमित के पिता विजय कुमार का कहना है कि 6 महीने पहले अमित के दादा की मौत हुई थी। 7 दिन पहले उसकी दादी भी चल बसी और अब अचानक अमित की मौत होने से परिवार टूट गया है। अमित घर में इकलौता कमाने वाला था, लेकिन अब वह सहारा टूट गया है।
गौर हो कि जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में हुए सड़क हादसे में तीन जवानों की मौत हुई है। इनमें हमीरपुर का अमित शर्मा भी शामिल है। वह भारतीय थल सेना की 14 डोगरा रेजिमेंट में कुपवाड़ा के माछिल सेक्टर में तैनात था। बताया जा रहा है कि मंगलवार रात बर्फीले इलाके में गश्त के दौरान सेना का वाहन बर्फ से फिसलकर खाई में जा गिरा, जिससे जवानों की मौत हो गई।
हमीरपुर के तलासी खुर्द गांव निवासी अमित शर्मा (23) पुत्र विजय कुमार ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल झगड़याणी से कक्षा 6 से 12 तक की पढ़ाई पूरी की, जबकि कक्षा-1 से 5 तक प्राइमरी स्कूल तलासी में पढ़ाई की। 4 साल पहले 2019 में अमित सेना में भर्ती हुआ था। वर्तमान में वह भारतीय थल सेनी की 14 डोगरा रेजिमेंट में जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा स्थित माछिल सेक्टर में तैनात था।