हिमाचल का श्री बृजराज स्वामी मंदिर : यहां एक साथ विराजमान हैं श्री कृष्ण और मीरा
ewn24news choice of himachal 05 Sep,2023 8:15 pm
कांगड़ा जिला का नूरपुर शहर में स्थित है मंदिर
ऋषि महाजन/नूरपुर। भक्त कैसा हो और भक्ति कैसी होनी चाहिए इसका उत्तम उदाहरण हैं मीराबाई। श्री कृष्ण की अपार भक्त मीरा बाई को प्रेम व आस्था का संगम माना जाता है। आज भी लोग उनके त्याग और भक्ति भाव का गुणगान करते हैं। हिमाचल के कांगड़ा जिला के नूरपुर शहर में इस प्रेम व आस्था के संगम का प्रतीक एकमात्र ऐसा मंदिर है जिसमें श्री कृष्ण और मीरा एक साथ विराजमान हैं।
कांगड़ा जिला का नूरपुर शहर प्राचीन काल में धमड़ी नाम से जाना जाता था। बेगम नूरजहां के यहां आने के बाद शहर का नाम नूरपुर पड़ा। यहां पर राजा जगत सिंह का किला विद्यमान है। इस किले के अंदर श्री बृज राज स्वामी तथा काली माता मंदिर है।
जानकार बताते हैं कि नूरपुर स्थित श्री बृजराज स्वामी मंदिर विश्व में एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां कृष्ण व मीरा की मूर्तियां एक साथ हैं। रजवाड़ाशाही में दरबार-ए-खास (जहां राजा का दरबार सजता था) और विश्व के हजारों राधा-कृष्ण के मंदिरों में से यही एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां भगवान श्रीकृष्ण व मीरा की साक्षात मूर्तियां एक साथ स्थापित हैं।
सौंदर्य से परिपूर्ण एक टीलेनुमा जगह पर स्थित यह नगर कभी राजपूत राजाओं की राजधानी हुआ करती थी। इस मंदिर के इतिहास के साथ एक रोचक कथा जुड़ी है।
1619 से 1623 ई. में नूरपुर के राजा जगत सिंह अपने राज पुरोहित के साथ चित्तौड़गढ़ के राजा के निमंत्रण पर वहां गए। राजा जगत सिंह व उनके राज पुरोहित को रात्रि विश्राम के लिए महल में स्थान दिया गया। उसके साथ एक मंदिर था, जहां रात के समय राजा को उस मंदिर से घुंघरुओं तथा संगीत की आवाजें सुनाई दीं।
राजा ने जब मंदिर में झांक कर देखा तो उस कमरे में श्रीकृष्ण जी की मूर्ति के सामने एक उनकी एक अनन्य भक्त भजन गाते हुए नाच रही थी। राजा ने सारी बात अपने राज पुरोहित को सुनाई।
राज पुरोहित ने राजा जगत सिंह को चितौड़गढ़ से घर वापसी पर राजा से इन मूर्तियों को उपहार स्वरूप मांग लेने का सुझाव दिया, क्योंकि भगवान श्री कृष्ण व मीरा की यह मूर्तियां साक्षात हैं। चितौड़गढ़ के राजा ने भी खुशी-खुशी मूर्तियां व मौलश्री का एक पेड़ राजा जगत सिंह को उपहार स्वरूप दे दिया।
तदोपरांत नूरपुर के राजा ने अपने दरबार-ए-खास को मंदिर का स्वरूप देकर इन मूर्तियों को वहां पर स्थापित करवा दिया। राजस्थानी शैली की काले संगमरमर से बनी भगवान श्रीकृष्ण व अष्टधातु से बनी मीरा की मूर्ति आज भी नूरपुर किले के अंदर ऐतिहासिक श्री बृज राज स्वामी मंदिर में शोभायमान है। इसके अतिरिक्त मंदिर की भित्तिकाओं पर राजा द्वारा करवाए गए कृष्ण लीलाओं के चित्रण आज भी दर्शनीय हैं।
यहां पर हिमाचल प्रदेश के श्रद्धालुओं के अलावा सीमांत राज्य पंजाब, हरियाणा व जम्मू-कश्मीर तथा अन्य राज्यों से भी हजारों की संख्या में लोग सारा साल मंदिर में शीश झुकाते हैं। प्रेम व आस्था के संगम के प्रतीक इस मंदिर का नूर जन्माष्टमी को छलक उठता है जब यहां पर दिन-रात श्रद्धालुओं की भारी भीड़ श्री कृष्ण तथा मीरा के दर्शन करने के लिए उमड़ती है।