मानहानि केस में राहुल गांधी को दो साल की सजा, जमानत भी मिली
ewn24news choice of himachal 23 Mar,2023 1:43 pm
नई दिल्ली। मोदी सरनेम मानहानि मामले में सूरत की अदालत ने राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने सजा को 30 दिन के लिए सस्पेंड भी कर दिया है, ताकि वह ऊपरी अदालत में इसके खिलाफ अर्जी दे सके। 2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने मोदी सरनेम पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि सारे चोरों के नाम मोदी कैसे?
सूरत की सीजेएम कोर्ट ने सुबह 11 बजे फैसला सुनाते हुए राहुल गांधी को दोषी करार दिया। सूरत की सीजेएम कोर्ट पहुंचने पर कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी करार दिया। इसके बाद कोर्ट ने राहुल गांधी से पूछा कि आप क्या कहना चाहते हैं तो राहुल गांधी ने कहा मैं तो हमेशा करप्शन के खिलाफ बोलता हूं। मैंने किसी के खिलाफ जानबूझ नहीं बोला। इससे किसी को नुकसान नहीं हुआ।
सूरत की अदालत ने राहुल के मोदी सरनेम वाले बयान पर 2 साल की सजा सुनाई है। माना जा रहा है कि राहुल के वकील अब उनकी जमानत की अर्जी देंगे। कोर्ट ने साथ ही साथ राहुल को जमानत भी दे दी है। कोर्ट ने इसके अलावा सजा को 30 दिन के लिए सस्पेंड कर दिया है। राहुल गांधी इस सजा के खिलाफ उच्च अदालत में जा सकते हैं।
बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनावों के प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में कहा था कि 'सारे चोरों के सरनेम मोदी कैसे हैं? राहुल गांधी के इस बयान के बाद सूरत के वेस्ट से बीजेपी के विधायक पूर्णेश मोदी ने मानहानि का केस कर दिया था। उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी ने मोदी समुदाय का अपमान किया। इसके बाद यह केस सूरत की कोर्ट में पहुंचा था।
राहुल गांधी को 9 जुलाई, 2020 को सूरत की कोर्ट में पेश होना पड़ा था। पिछले महीने पूर्णेश मोदी ने केस में जल्दी फैसला करने के लिए गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इसके बाद हाईकोर्ट ने सूरत की कोर्ट से तेज सुनवाई का आदेश देते हुए ऊपरी अदालत में सुनवाई की अर्जी खारिज कर दी थी। इसके बाद पिछले एक महीने से सूरत कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही थी।
इसमें दोनों पक्षों की तरफ दलीलें रखी गई थीं। इस दौरान राहुल गांधी के वकील ने कहा था कि मोदी कोई समुदाय नहीं है। राहुल गांधी के सारे आरोप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लक्षित थे। ऐसे में उन्हें मानहानि का केस करना चाहिए। इसके बाद सूरत कोर्ट में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा ने फैसला सुनाने के लिए 23 मार्च को तारीख निर्धारित की थी। इसके बाद कांग्रेस ने सूरत कूच का ऐलान किया था।