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शिमला में कई इमारतों पर मंडरा रहा खतरा, खाली करने को नोटिस जारी

ewn24news choice of himachal 23 Mar,2023 10:35 pm







    मकान मालिकों के खिलाफ सख्ती से पेश आएगा प्रशासन

     

    शिमला। उत्तर भारत सहित हिमाचल में मंगलवार को आए भूकंप के झटकों के बाद नगर निगम शिमला भी अलर्ट हो गया है। नगर निगम ने शहर की कई बिल्डिंग को खाली करने के नोटिस जारी किए हैं जो डेंजर जोन में हैं। क्योंकि भूकंप के लिहाज से शिमला शहर बहुत संवेदनशील है और अधिकतर इमारतें भूकंप रोधी नहीं हैं। अगर कोई बड़ा भूकंप आता है तो जान-माल की भारी क्षति हो सकती है।
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    नगर निगम के आर्किटेक्ट प्लानर मेहबूब शेख का कहना है कि शिमला में कई बिल्डिंग खाली करने के नोटिस दिए गए हैं। बावजूद इसके अभी तक ये खाली नहीं की गई हैं। निगम प्रशासन अब इन मकान मालिकों के खिलाफ सख्ती से पेश आएगा। उन्होंने कहा कि 2 दिन पहले शहर में भूकंप के झटकों ने यह साबित कर दिया है कि यह स्थिति दोबारा से बनेगी।

    उन्होंने कहा कि शिमला के दो सिंकिंग जोन में रिज, ग्रैंड होटल, लक्कड़ बाजार, सेंट्रल स्कूल, ऑकलैंड नर्सरी स्कूल, धोबी घाट, कृष्णानगर और होटल क्लार्क्स के आसपास के इलाके शामिल हैं। जहां पर कोई नई बिल्डिंग बनाना खुद विनाश को न्योता देना है।
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    शिमला शहर में रह रहे 2.3 लाख लोग

    बता दें कि 25,000 की आबादी के लिए स्थापित शिमला शहर में अब 2.3 लाख लोगों के रहने का अनुमान है। इमारतों को बनाने के लिए 70 डिग्री तक की ढलानों पर अनुमति दी गई है। शिमला भूकंपीय क्षेत्र IV में है। भूकंप के सबसे खतरनाक जोन में होने के बाद भी यहां लापरवाही जारी है। स्थिति को ध्यान में रखते हुए, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने 2017 में शिमला के मुख्य और हरित क्षेत्रों में बिल्डिंग बनाने समेत सभी निर्माण पर प्रतिबंध लगाया था।






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