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समेज त्रासदी : DNA मिलान साबित हो रहा मददगार, दो शवों ही हुई पहचान

ewn24 news choice of himachal 12 Aug,2024 1:03 am

    पुलिस ने लिए हैं 37 के करीब डीएनए सैंपल


    शिमला। रामपुर की समेज त्रासदी में लापता लोगों को परिजनों से मिलाने के लिए पुलिस की डीएनए मिलान तकनीक मददगार साबित हो रही है। अभी तक पहचान न हुए शवों में से दो शवों की पहचान डीएनए के माध्यम से हो चुकी है। 

    इनमें संतोष कुमारी (54) पत्नी सूरत राम गांव कनराढ़ डाकघर सुघा तहसील रामपुर की पहचान इनके पुत्र राजेश कुमार के डीएनए से हुई है। इसके साथ ही रूप सिंह (52) पुत्र सुखराम डाकघर सरपारा तहसील रामपुर की पहचान इनके पुत्र साहिल के डीएनए मिलान करके हुई है।


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    पुलिस ने 37 के करीब डीएनए सैंपल लिए हुए है। इन्हीं के आधार पर डीएनए मिलान हो रहा है।

    डीसी अनुपम कश्यप ने कहा कि कई शव क्षत-विक्षत हालात में मिले हैं, जिनकी पहचान करना सबसे बड़ी चुनौती है, लेकिन हमने ऐसे लापता लोगों के परिजनों के डीएनए सैंपल लिए हैं। फिर शवों के डीएनए सैंपल से मिलान करवा रहे हैं। इनमें से दो शवों के डीएनए मिलान कर लिए गए हैं।

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     यह दोनों महिला और पुरुष शिमला जिला के क्षेत्र में रहते थे। पुलिस ने डीएनए सैंपलिंग बहुत शानदार तरीके से की हुई थी। इसी की वजह से शवों की पहचान हो पाई है। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता है कि सर्च ऑपरेशन के दौरान मिलने वाले हर शव की पहचान हो। इसी कड़ी में हमने वैज्ञानिक तकनीक का सहारा लिया है।


    एसपी संजीव कुमार गांधी ने कहा कि वैज्ञानिक तकनीक के माध्यम से जांच को प्रभावी बनाया जाता है। डीएनए मिलान से ही परिजनों को शव मिल पा रहे हैं। क्योंकि कई शवों की पहचान बिना डीएनए के संभव ही नहीं थी। हमने पूरी योजना से डीएनए सैंपल प्रोफाइलिंग की है। इसी तरह अन्य शवों की पहचान करने में लगे हैं।


    क्या होता है डीएनए टेस्ट


    डीएनए का मतलब है डीऑक्सीराइबो न्यूक्लिक एसिड। यह ऐसा टेस्ट होता है जो हमारे जींस या पूर्वजों या हमारे वंश के बारे में एकदम सटीक जानकारी देता है। हमारे शरीर में कई करोड़ सेल्स यानि कोशिकाएं होती हैं। रेड ब्लड सेल्स को छोड़कर बाकी सभी सेल्स में एक जेनेटिक कोडिंग होती है, जो शरीर को बनाती है। यही डीएनए होता है।

    समेज क्षेत्र में बिजली और पेयजल आपूर्ति हुई बहाल


    समेज त्रासदी से प्रभावित क्षेत्र में बिजली एवं पेयजल आपूर्ति बहाल कर दी गई है। करीब दस दिन बिजली और पेयजल आपूर्ति को बहाल करने में लग गए। कई जगह से पाइपें, बिजली के खंभे एवं तारें पूरी तरह गायब हो गई थीं। ऐसे में संबंधित विभागों ने नई तारें, खंभे और पानी की पाइपें बिछाई हैं। 

    एसडीएम रामपुर निशांत तोमर ने बताया कि समेज में बिजली और पेयजल की आपूर्ति बहाल कर दी गई है। दोनों विभागों ने दिन रात मेहनत करके कार्य को तीव्र गति से अंजाम दिया है।

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