ऋषि महाजन/नूरपुर। इफको कांगड़ा द्वारा नूरपुर में स्थित औद्योनिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र जाच्छ में बागवानी फसलों में उपयोग के लिए "वैज्ञानिक-बागवान संवाद कार्यक्रम " आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप प्रशिक्षण केंद्र के सम्वन्यक डॉ विपन गुलेरिया सहित विशेषज्ञ डॉ. राजेश कलेर सहित मृदा वैज्ञानिक डॉ. रेनू कपूर एवं इफको के कांगड़ा जिले के क्षेत्र अधिकारी श्रेय सूद सहित निखिल कुमार उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में नूरपुर एवं अन्य क्षेत्रों से आए प्रमुख 25 बागवानों ने भाग लिया, जिन्हें इफको द्वारा निर्मित विश्व प्रथम नैनो यूरिया प्लस एवं नैनो डीएपी (DAP) के बावत जानकारी प्रदान की गई।
नैनो यूरिया, आधुनिक तकनीक द्वारा निर्मित एक तरल उत्पाद है और आम यूरिया खाद का एक पर्यावरण हितैषी विकल्प है। किसानों को संबोधित करते हुए प्रशिक्षण केंद्र से डॉ. विपन गुलेरिया द्वारा बागवानों को कृषि में नवीनतम तकनीकों पर आधारित उत्पादों जैसे नैनो यूरिया तरल एवं विभिन्न जल विलय उर्वरकों के संबंध में जानकारी प्रदान की एवं भविष्य में नैनो उत्पादों की मदद से बहुमूल्य मुद्रा की अनुदान के रूप में बचत के बारे में प्रतिभागियों को अवगत करवाया।
यूरिया के अंधाधुंध इस्तेमाल से पर्यावरण पर पड़ रहे नकारात्मक परिणामों से बचने हेतु एवं भारत की बहुमूल्य मुद्रा को बचाने के लिए नैनो उर्वरकों जैसे आधुनिक उत्पादों को इस्तेमाल करने की हिदायत दी गई।
नैनो डीएपी (तरल) फसल की पैदावार बढ़ाने और पारंपरिक एनपीके (NPK) (12:32:16) एवं DAP खाद के कारण होने वाले पर्यावरण प्रदूषण को कम करके किसानों की आय में सुधार करने में अहम भूमिका निभाएगा।
एक बोतल इफको नैनो डीएपी (तरल) की किसानों को 600 रुपए में अपनी सहकारी समिति के माध्यम से उपलब्ध होगी, जोकि पारंपरिक NPK/DAP खाद की खपत को लगभग आधा कर देगी।
इफको नैनो DAP नैनो टेक्नोलॉजी से निर्मित एक अनोखा उत्पाद है, जोकि बीज/जड़ उपचार एवं पौधों के ऊपर छिड़काव करके इस्तेमाल किया जाता है। ये पारंपरिक NPK/DAP की तुलना में ज़्यादा प्रभावशाली उत्पाद है।
इफको द्वारा कांगड़ा क्षेत्र में कृषि ड्रोन सहित इलेक्ट्रिक गाड़ी भी मुहैया करवाई गई है। इसके बावत भी किसानों को जानकारी दी गई कि कैसे किसान उदय ऐप के माध्यम से अब अपने खेतों में सामान्य शुल्क पर स्प्रे करवा सकते हैं।