शिमला। उत्तर हिमालयी क्षेत्रों में सामूहिक प्रयास से सतत विकास को सुगम बनाना परियोजना के अंतर्गत महिलाओं ने शुक्रवार को पहले मशरूम अनुसंधान निदेशालय चम्बाघाट का भ्रमण किया।
यहां पर तकनीकी सहायक गुलैर राणा द्वारा चार प्रकार की मशरूम उत्पादन की जानकारी दी गई। इसमें बटन मशरूम, ढींगरी मशरूम, हैरशयम और शिटाके मशरूम आदि की विस्तृत जानकारी दी गई। यह जानकारी काफी रोचक थी जो कि महिलाओं को अच्छी लगी।
उसके उपरांत दोपहर के भोजन के बाद नौणी विश्वविद्यालय में डॉ यशवंत सिंह परमार के औद्योगिक व वानिकी अनुसंधान का भ्रमण किया। जहां पर भिन्न-भिन्न प्रकार के बीज, अचार, मुरब्बा, जूस व जैम, जेली आदि की जानकारी दी गई। उन्होंने यह भी बताया कि किस तरह से इसे तैयार करते हैं, उसकी मशीनरियों को भी दिखाया गया।
प्रशिक्षण के बारे में भी जानकारी दी गई कि यदि कोई यहां से ट्रेनिंग लेना चाहते हैं तो वह किस प्रकार से ट्रेनिंग देते हैं। यदि एक दिन की ट्रेनिंग लेनी हो तो वह फ्री में देते हैं। इससे ज्यादा लेना चाहते हैं तो आवेदन पत्र देकर स्वीकृति लेनी होगी। उसके बाद बेकरी यूनिट देखी गई जिसमें बताया गया कि किस तरह से बेकरी के उत्पादन तैयार किए जाते हैं उसके बारे में भी संक्षिप्त रूप से समझाया गया।
किस तरह से बेकरी के कार्य को थोड़ा सा इन्वेस्टमेंट करके एक अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है और वहां पर जो मशीनरी लगी थी उसकी भी जानकारी दी गई। उसके बाद वेस्ट चीजों से जो प्रोडक्ट बनाए गए थे उसकी जानकारी दी गई जो कि बहुत प्रशंसनीय थी। इसमें बहुत ही वेस्ट चीजों का कार्य किया गया था जो कि बहुत ही आकर्षक था।
हर महिला घर पर बहुत कम खर्च में इसे बड़ी आसानी से तैयार करके एक अच्छी खासी आमदनी कर सकती है। अंत में मधुमक्खी पालन का भ्रमण किया गया। इसके बारे में भी संक्षिप्त रूप से बताया गया कि किस तरह से मधुमक्खी पालन किया जाता है। इसके उपरांत शैक्षणिक भ्रमण का अंत किया गया।