तरनदीप सिंह/मंडी। कृषि उपज समिति मंडी की दो दुकानों की बोली पर सब्जी मंडी के आढ़तियों के प्रश्न उठाए हैं। साथ ही इन दुकानों की बोली फिर से करवाए जाने की मांग प्रशासन से की है। आढ़तियों का कहना है कि न इस बार दुकानों की बोली के पोस्टर लगाए गए है और न किसी को भनक लगने दी। दस हजार की बोली लगने वाली दुकान 3200 रुपए में दे दी गई।
सब्जी मंडी के आढ़ती सुमित का कहना है कि हमें शनिवार ही इस बोली के बारे में मालूम हुआ। पहले भी दुकानों की बोलियां होती थीं तो एक महीना पहले नोटिस लगाया जाता था, लेकिन इस बार गुपचुप तरीके से दुकान की बोली की गई, जो की गलत है। हम चाहते हैं कि दुकान की बोली फिर से की जाए और व्यापारियों को जानकारी दी जाए।
दुकानदार हर्मिंदर पाल सिंह ने कहा कि पहले जब-जब भी यहां दुकानों की बोलियां हुई तो विज्ञापन देखने को मिलता था। इस बार चुपचाप बोली की गईं और किसी भी आढ़ती को नहीं बताया गया। इस बोली को रद्द करके फिर सबको सूचित करके बोली लगाई जाए, ताकि बोली बड़े स्तर पर जा सके।
प्रधान दीना नाथ सैनी ने कहा कि हमें तो पता ही नहीं कि बोली कब और किस नियम के तहत की गई। किसी भी आढ़ती को कोई जानकारी नहीं दी गई। इससे पहले भी दुकानों की बोलियां होती आई हैं, उस समय दुकानों की बोली के पोस्टर लगाए जाते थे। सब्जी मंडी की दुकानों के बाहर इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ। न ही बोली की वीडियोग्राफी हुई। अगर आढ़तियों को बुलाया गया तो समिति बताए किस-किस को बुलाया गया। उन्होंने इसकी जांच की भी मांग की है।
उधर, कृषि उपज मंडी समिति के सचिव विवेक चंदेल ने कहा कि दुकानों की बोली नियम के तहत ही की गई है। बूथ नंबर 6 जो कांगणी में है और टकोली में दुकान नंबर 37 आती है। इसकी ओपन बोली के लिए हमने दो पेपरों में विज्ञापन दिया था। ऑफिस के बाहर नोटिस बोर्ड पर पोस्टर लगाया गया था, जिसमें हमने 20 दिन का समय दुकानों की बोली के आवेदन का रखा था। इसके बाद जो दुकानों की बोलियां हुईं, उसमें बूथ नंबर 6 के लिए चार लोगों के आवेदन आए और टकोली की दुकान के लिए तीन लोगों के आवेदन प्राप्त हुए थे। बाद में ओपन बोलियां की गईं।
बूथ नंबर 6 की उचित बोली किरण द्वारा 3200 रुपए लगाई गई, जबकि टकोली की 37 नंबर दुकान की बोली 7 हजार में ललित शर्मा ने लगाई। बूथ नंबर 6 की दुकान का किराया एक लाख के आस पास पेंडिंग हो गया था, जिस कारण दुकान खाली करवाकर फिर बोली की गई। वहीं, पोस्टर बस अड्डे व ऑफिस के नोटिस बोर्ड पर लगाए गए थे, जिस पर आढ़तियों को संदेह नहीं करना चाहिए।