हरिपुर। देहरा विधानसभा क्षेत्र की हरिपुर तहसील के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल बिलासपुर की जमीन पर अवैध कब्जा निकला है। तहसीलदार हरिपुर सुरेश कुमार स्कूल में निशानदेही को पहुंचे थे। एसएमसी कमेटी पदाधिकारियों की सहमति के बाद कब्जाधारियों को अवैध कब्जा हटाने के लिए 24 अप्रैल तक का वक्त दिया है।
बता दें कि बिलासपुर स्कूल की जमीन पर अवैध कब्जे के अंदेशे के चलते स्कूल प्रबंधन ने निशानदेही के लिए आवेदन किया था। स्कूल प्रबंधन और एसएमसी सदस्यों का तर्क था कि जल्द निशानदेही करवाई जाए, ताकि स्कूल में कमरे बनाए जा सकें। क्योंकि छात्रों के लिए कमरों की दिक्कत है।
इसको लेकर स्कूल प्रबंधन ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को भी पत्र लिखा था। इसके बाद निशानदेही की प्रक्रिया में तेजी आई। 6 दिसंबर, 2024 को तहसीलदार ने फील्ड कानूनगो को निशानदेही के आदेश जारी किए।
टीम मौके पर पहुंची तो दूसरी पार्टी ने फसल बीजने का हवाला देते हुए निशानदेही पर आपत्ति जताई। इसके अगले दिन स्कूल प्रबंधन और एसमएसी सदस्य तहसील ऑफिस हरिपुर पहुंचे और दूसरी पार्टी द्वारा निशानदेही लटकाने का प्रयास करने का आरोप लगाया।
साथ ही जल्द निशानदेही करवाने की बात कही। इसके बाद तहसीलदार ने फील्ड कानूनगो को फिर निशानदेही के आदेश जारी किए। 10 दिसंबर तिथि तय की गई, लेकिन दूसरी पार्टी ने व्यस्तता का हवाला देकर निशानदेही से दूरी बनाए रखी। इसके बाद 11 दिसंबर को फिर निशानदेही की तारीख तय की।
तय तारीख पर बुधवार को फील्ड कानूनगो और पटवारी अन्य कर्मचारियों के साथ मौके पर पहुंचे और निशानदेही की प्रक्रिया को पूरा किया। पर स्कूल प्रबंधन ने निशानदेही को नामंजूर कर दिया है।
इसके बाद स्कूल प्रबंधन ने फैसले को लेकर अपील की। अपील पर 8 अप्रैल 2025 को तहसीलदार हरिपुर सुरेश कुमार खुद निशानदेही के लिए पहुंचे। इस दौरान स्कूल की जमीन पर अवैध कब्जा पाया गया। जहां अवैध कब्जा पाया गया वहां फसल बिजी है। ऐसे में कब्जाधारियों को एसएमसी कमेटी की सहमति से 24 अप्रैल तक का वक्त दिया है। कब्जाधारियों ने भी निर्धारित अवधि के बाद खुद कब्जा हटाने की सहमति जताई।
बिलासपुर स्कूल की कार्यवाहक प्रधानाचार्य सरिता पटियाल ने कहा कि निशानदेही के अनुसार स्कूल प्रबंधन ने एंगल लगा दिए हैं। एसएमसी की सहमति से अवैध कब्जा हटाने के लिए 24 अप्रैल तक का समय दिया है। क्योंकि अभी फसल लगी है।
तहसीलदार हरिपुर सुरेश कुमार ने कहा कि निशानदेही की प्रक्रिया पूरी की गई। उन्होंने कहा कि दूसरे पक्ष ने अवैध कब्जा हटाने के लिए वक्त मांगा है। पार्थी पक्ष ने इस पर सहमति जताई।