हरित हाइड्रोजन व अमोनिया परियोजना के लिए समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित
ewn24news choice of himachal 27 Mar,2023 5:56 pm
मैसर्ज एचएलसी ग्रीन एनर्जी एलएलसी के साथ किए
शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को हरित हाइड्रोजन आधारित प्रमुख अर्थव्यवस्था बनाने के दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने हरित हाइड्रोजन एवं अमोनिया परियोजना के लिए मैसर्ज एचएलसी ग्रीन एनर्जी एलएलसी के साथ एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया है। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की उपस्थिति में आज यहां मैसर्ज एचएलसी ग्रीन एनर्जी एलएलसी की ओर से प्रबंध निदेशक संजय शर्मा और प्रदेश सरकार की ओर से उद्योग विभाग के निदेशक राकेश कुमार प्रजापति ने यह समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया।
इससे पहले, मैसर्ज एचएलसी ग्रीन एनर्जी एलएलसी के प्रबंध निदेशक संजय शर्मा ने मुख्यमंत्री के समक्ष हरित हाइड्रोजन एवं हरित अमोनिया के उत्पादन पर एक विस्तृत प्रस्तुति भी दी थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरित जलविद्युत उत्पादन के लिए विख्यात हिमाचल प्रदेश को अब इथेनॉल, हरित हाइड्रोजन, हरित अमोनिया, सौर ऊर्जा इत्यादि नवीनतम स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं को प्रोत्साहित कर, देश में स्वच्छ ऊर्जा हब की दिशा में आदर्श राज्य के रूप में स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने हिमाचल को वर्ष 2026 तक देश का प्रथम हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसके लिए हरित ऊर्जा उत्पादन पर विशेष बल दिया जा रहा है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने हिमाचल को हरित हाइड्रोजन आधारित प्रमुख अर्थव्यवस्था बनाने के लिए हरित हाइड्रोजन नीति बनाने की भी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि हरित हाइड्रोजन में ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में उल्लेखनीय कमी लाने, उर्वरकों की कीमतों में कमी लाने और आयात विकल्प के रूप में देश की अर्थव्यवस्था में सहयोग करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि राज्य में जल संसाधन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होने से ऊर्जा के इस विकल्प के उत्पादन के लिए हिमाचल के पास अनुकूल परिस्थितियां हैं।
समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित होने के उपरांत, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि यह कंपनी प्रदेश में प्रतिवर्ष 0.3 मिलियन मीट्रिक टन हाइड्रोजन और 1.5 मिलियन मीट्रिक टन अमोनिया उत्पादित करेगी। इसके लिए लगभग 25 एकड़ भूमि, 300 मैगावाट ऊर्जा तथा करीब 50 हजार किलोलीटर जल सुविधा की आवश्यकता होगी। जल और अन्य संसाधनों की उपलब्धता के दृष्टिगत ऊना और कांगड़ा ज़िलों में यह परियोजना स्थापित की जाएंगी। परियोजना से प्रदेश में 4 हजार करोड़ से अधिक का निवेश तथा 3500 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे। इससे क्षेत्र के कुशल कामगारों को उनके घर-द्वार के निकट रोजगार मिलेगा और यह परियोजना प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में सहायक सिद्ध होगी।
उद्योग मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार इस परियोजना की स्थापना में कम्पनी को पूर्ण सहयोग और हर संभव सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने प्रमोटर्ज़ को इस दिशा में शीघ्र विस्तृत परियोजना रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा। इस अवसर पर प्रधान सचिव, उद्योग आरडी नज़ीम, आयुर्वेद विभाग के निदेशक विनय सिंह, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के प्रबंध निदेशक के सी चमन और उद्योग विभाग के अतिरिक्त निदेशक तिलक राज शर्मा उपस्थित थे।