मंडी। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला में कुदरत कहर बरपा रही है। पिछले दो दिन में जिले के पंडोह और कटौला में 150 मिलीमीटर से अधिक बारिश हो चुकी है। भारी बारिश के कारण किरतपुर-मनाली फोरलेन पर चार मील के पास पिछले वर्ष क्रेटवाल से लगाया गया अस्थायी डंगा वीरवार दोपहर बाद पूरी तरह ध्वस्त हो गया।
डंगा गिरने से यहां मार्ग बंद होने का खतरा मंडरा गया है। फिलहाल यहां दो लेन से वाहनों की आवाजाही हो रही है। नौ मील के पास भी पहाड़ दरकना शुरू हो गया है। प्रशासन ने यहां जेसीबी तैनात कर दी है।
पंडोह कैंची मोड़ पर करीब 40 करोड़ की लागत से लगाई गई 300 मीटर लंबी और 31 मीटर ऊंची रिटेनिंग वॉल पूरी तरह सुरक्षित है। एनएचएआई के अधिकारियों के साथ अतिरिक्त उपायुक्त रोहित राठौर और अतिरिक्त पुलिस सागर चंद्र शर्मा ने चार मील से कैंची मोड़ तक संयुक्त निरीक्षण किया।
कैंची मोड़ में तीन लेन पर यातायात चल रहा है। कैंची मोड़ में मिट्टी के भराव के कारण ऊपर की परत धंसने से सड़क में दरारें आई थीं। चार मील में कलवर्ट बंद होने से मार्ग धंसा था।
मंडी शहर के साथ लगते पुलघराट में स्थिति नाजुक बनी हुई है। यहां पिछले 24 घंटे में कई बार पहाड़ दरकने से मार्ग अवरुद्ध हो चुका है। प्रशासन ने यहां जेसीबी और पुलिस जवान तैनात किए हैं। मार्ग बार बार बंद होने से वाहनों की लंबी कतार लग रही है। इससे लोगों को दिक्कत आ रही है। जिला भर में वर्षा और भूस्खलन से 52 मार्ग बाधित हैं।
पराशर झील को जाने वाली मुख्य सड़क बंद हो गई है। अन्य वैकल्पिक रास्ते भी बरसात के कारण खतरनाक हो गए हैं। प्रशासन ने लोगों और पर्यटकों से अनुरोध किया है कि सड़क ठीक होने तक पराशर जाने से परहेज करें।
वहीं, ब्यास नदी के बहाव में लगातार उतार-चढ़ाव आ रहा है। कभी नदी का बहाव कम हो रहा है तो कभी एकदम से बढ़ जा रहा है। प्रशासन ने लोगों से नदी किनारे न जाने का आग्रह किया है।