ठियोग : इंदु वर्मा की घर वापसी, समर्थकों सहित फिर ज्वाइन की भाजपा
ewn24news choice of himachal 02 Apr,2024 8:03 pm
2022 में लड़ा था आजाद चुनाव
शिमला। ठियोग के पूर्व विधायक रहे स्वर्गीय राकेश वर्मा की पत्नी इंदु वर्मा भाजपा में शामिल हो गई हैं। मंगलवार को उन्होंने भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल की मौजूदगी में भाजपा ज्वाइन की। बता दें कि पूर्व विधायक स्वर्गीय राकेश वर्मा ने 1993 में पहले चुनाव भाजपा की टिकट पर लड़ा था और कांग्रेस की दिग्गज विद्या स्टोक्स को हराया था।
1998 में विद्या स्टोक्स ने राकेश वर्मा को हरा दिया। 2003 में भाजपा ने राकेश वर्मा को टिकट नहीं दो और उन्होंने आजाद हुंकार भर दी। 2003 में कांग्रेस के राजिंद्र वर्मा को हराया था। 2007 में भी आजाद चुनाव जीते थे। 2012 में भाजपा ने फिर राकेश वर्मा को टिकट दी। उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी विद्या स्टोक्स ने हराया था।
2017 में फिर भाजपा की टिकट पर लड़े और सीपीआईएम के राकेश सिंघा के हाथों हार गए। वर्ष 2020 में ह्रदयघाट से राकेश वर्मा का निधन हो गया। साल 2022 में टिकट न मिलने से नाराज होकर इंदु वर्मा ने भाजपा छोड़ कर कांग्रेस ज्वाइन की थी। हालांकि, कांग्रेस ने भी इन्हें टिकट नहीं दिया था। इसके बाद इंदु वर्मा ने आजाद प्रत्याशी चुनाव लड़ा था। चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने उनका पटका, टोपी और माला पहना कर पार्टी में स्वागत किया। इंदु वर्मा के साथ जिला परिषद सदस्य मदन वर्मा, पूर्व जिला परिषद सदस्य जोगिंदर ठाकुर, पार्षद शीला वर्मा, प्रधान परिषद के अध्यक्ष हरी राम, गिरजानंद शर्मा, सेवा निवृत जगदीश कंवर, हिमिंदर सहित अनेकों बीएडसी सदस्य और प्रधानों ने भाजपा का दामन थामा।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल कहा कि प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने के लिए अनेकों प्रकार के हथकंडे अपनाए। महिलाओं और बेरोजगार युवकों को झूठे प्रभोलन दिए।
कांग्रेस पार्टी द्वारा झूठी गारंटी देकर कहा गया कि पहली कैबिनेट के अंदर 22 लाख बहनों को 1500 रुपए और बेरोजगार युवकों को 1 लाख सरकारी नौकरियां देंगे, लेकिन सत्ता में आने के बाद सीएम सुक्खू ने कहा कि हम 5 साल के लिए चुन के आए हैं, हम अपने काम को करेंगे।
पहली कैबिनेट में 1 लाख सरकारी नौकरियां देना तो दूर, नौकरियां देने वाला संस्थान ही बंद कर दिया। तीन महीनों के बाद कांग्रेस सरकार श्वेत पत्र लाई और कहा गया कि देश पर बहुत बड़ा कर्ज है।
श्वेत पत्र लाकर 75 हजार करोड़ रुपये का कर्ज दिखाया गया और 75 हजार करोड़ में से 62 हजार करोड़ कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश की जनता को दिया। 15 महीनों में ही कांग्रेस सरकार ने 18 हजार करोड़ रुपये का कर्ज ले लिया।