भारतीय वायु सेना ने एयरलिफ्ट किए बड़ा भंगाल में फंसे पांच लोग, उपचार के लिए टांडा पहुंचाए
ewn24news choice of himachal 09 Aug,2023 4:13 pm
पशुपालन विभाग की टीम तथा गंभीर रूप से चोटिल व्यक्ति को किया रेस्क्यू
धर्मशाला। सरकार तथा जिला प्रशासन ने बड़ा भंगाल में फंसे पशु पालन विभाग की एक टीम के चार लोगों तथा गहरी खाई में फंसे एक व्यक्ति का भारतीय वायु सेना की मदद से सफल रेस्क्यू किया है। सभी को उपचार के लिए टांडा अस्पताल में भर्ती करवाया गया। यह जानकारी उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने दी।
डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि बड़ा भंगाल में पशुओं के उपचार के लिए गई पशु पालन विभाग की टीम ने सेटलाइट फोन के माध्यम से जिला प्रशासन को स्वास्थ्य खराब होने तथा पुलियों के निर्माण में लगे व्यक्ति के खाई में गिरने से गंभीर रूप से घायल होने की सूचना प्रशासन को दी।
सूचना मिलते ही सरकार ने तत्काल प्रभाव से भारतीय वायु सेना से संपर्क साधा तथा बुधवार सुबह सहारनपुर से वायु सेना के दो चॉपर कांगड़ा एयरपोर्ट से बड़ा भंगाल के लिए रवाना किए गए।
उन्होंने बताया कि इस रेस्क्यू आपरेशन में सबको वहां से सुरक्षित कांगड़ा एयरपोर्ट पर पहुंचाया गया। उन्होंने बताया कि इसके पश्चात एयरपोर्ट से सभी को टांडा मेडिकल कॉलेज में उपचार के लिए भेज दिया गया है।
पशुओं में लंपी वायरस के उपचार के लिए गई थी वेटनरी टीम
जिलाधीश ने बताया कि बड़ा भंगाल में पशुओं में लंपी वायरस होने की सूचना मिलने पर पहली अगस्त को जिला प्रशासन ने वेटनरी की एक टीम जिसमें डॉ सचिन सूद, फार्मासिस्ट विनय कुमार, कुलदीप कुमार तथा सहायक मदन कुमार को वाया चंबा रवाना किया। इस टीम ने 4 अगस्त को बड़ा भंगाल में पशुओं का उपचार आरंभ किया गया।
वेटनरी की टीम ने इस दौरान बड़ा भंगाल में लंपर वायरस से बचाव के लिए 170 पशुओं का टीकाकरण किया तथा लगभग 50 पशुओं का उपचार किया।
सात अगस्त शाम को पशु पालन विभाग की टीम ने सेटेलाइट के माध्यम से जिला प्रशासन को स्वास्थ्य खराब होने के बारे में सूचना दी। टीम को वहां से सुरक्षित निकालने के लिए त्वरित प्रभाव से सरकार की ओर से वायु सेना से संपर्क साधा गया।
बड़ा भंगाल के रहने वाले 48 वर्षीय हुकम सिंह गांव में अस्थाई लकड़ी के पूल का निर्माण करने के दौरान उससे फिसल कर गिर गए, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं। उपायुक्त ने बताया कि इस बाबत वहां गई पशु चिकित्सकों की टीम ने सेटेलाइट फोन के माध्यम से जिला प्रशासन को तुरंत इस घटना से भी अवगत करवाया।
स्थानीय लोगों ने हुकम सिंह को रेस्क्यू करने और उनके उपचार के लिए जिला प्रशासन से आग्रह किया। उपायुक्त ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन ने भारतीय वायु सेना को संपर्क कर हुकम सिंह को रेस्क्यू करने के लिए भी सहयोग मांगा।
डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि जिला प्रशासन आपदा प्रबंधन को लेकर पूरी तरह से सतर्क है तथा मानसून सीजन में जिला तथा उपमंडल स्तर पर 24 घंटे कंट्रोल रूम खुले रखे गए हैं ताकि आपदा प्रबंधन को लेकर तत्काल प्रभाव से कार्य किया जा सके।
गत 18 जुलाई को इंदौरा उपमंडल के घंडारा तथा म्यानी में ब्यास नदी में फंसे लोगों को भारी मशक्कत के साथ रात भर नौ घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद 55 के करीब लोगों को एनडीआरएफ की मदद से सुरक्षित निकाला जा चुका है।
रेस्क्यू किए गए पशुपालन विभाग की टीम ने बड़ा भंगाल से एयरलिफ्ट कर गगल पहुंचाने पर आभार जताते हुए कहा कि राज्य सरकार ने आपदा के दौरान हर हिमाचलवासी का ख्याल रखा है इससे पहले भी चंद्रताल लेक तथा अन्य जगहों पर फंसे लोगों को सकुशल सुरक्षित निकाला है।