Breaking News

  • हिमाचल में डम्मी एडमिशन देने वाले निजी स्कूलों की खैर नहीं, बोर्ड करेगा औचक निरीक्षण
  • हिमाचल मौसम अपडेट : यहां आंधी तूफान और तेज हवाओं का कहर, अगले दो दिन ऑरेंज अलर्ट
  • गंगथ महादंगल : दान पर्ची का शुभारंभ, पहले दिन एक ट्रैक्टर सहित 10 लाख की राशि और सामान एकत्रित
  • नूरपुर : दुबई से चल रहा था चिट्टा तस्करी का कारोबार, 6 धरे-3 करोड़ की चल-अचल संपत्ति जब्त
  • तूफान का कहर : नूरपुर में 5 कच्चे मकान और 13 गौशालाएं क्षतिग्रस्त
  • बिलासपुर : व्यवस्था से हारे वीरता के लिए सेना मेडल से नवाजे सेवानिवृत्त कैप्टन कृष्ण चंद शर्मा
  • हिमाचल में प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय का विलय दुर्भाग्यपूर्ण : हेम राज ठाकुर
  • हिमाचल को बच्चों के आधार नामांकन और आधार आधारित प्रमाणीकरण के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार
  • हिमाचल मौसम अपडेट : दो दिन चार जिलों में भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट
  • मंडी डीसी ऑफिस को बम से उड़ाने की मिली धमकी, पुलिस अलर्ट

हिमाचल : सेब की बिक्री को लेकर सरकार, बागवान और आढ़तियों में ठनी

ewn24news choice of himachal 21 Jul,2023 12:06 am

    सरकार की दो टूक- वापस नहीं लेंगे फैसला, बागवान समर्थन में

    शिमला। हिमाचल प्रदेश में सेब सीजन जैसे ही चरम की तरफ बढ़ रहा है सेब की बिक्री को लेकर सरकार, बागवानों और आढ़तियों के बीच ठन गई है। दरअसल, सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने इस साल से मंडियों में सेब को किलो के हिसाब से बेचने का फैसला लिया है। यह आढ़तियों को रास नहीं आ रहा है। इसकी वजह ये है कि नई व्यवस्था से आढ़तियों का मोटा पैसा नहीं बन रहा है। परिणामस्वरूप किलो के हिसाब से सेब खरीदने को लेकर आढ़तियों ने हड़ताल कर दी है।
    हिमाचल : सेब की बिक्री को लेकर सरकार, बागवान और आढ़तियों में ठनी

    हिमाचल प्रदेश आढ़ती महासंघ के अध्यक्ष हरीश ठाकुर ने कहा कि किलो के हिसाब से सेब खरीद का स्वागत है लेकिन मंडियों में इतनी जगह नहीं है जिससे सेब को किलो के हिसाब से खरीदा जाए। सरकार पहले मंडियों में उचित जगह उपलब्ध करवाए या यूनिवर्सल कार्टन को लागू करे। उसके बाद आढ़तियों को किलो के हिसाब से सेब बेचने में कोई परेशानी नहीं है।

    हरीश ठाकुर ने कहा कि कुछ तथाकथित बागवान संगठन राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए उन पर आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने इसे हिमाचल की मंडियों को बर्बाद करने की साजिश बताया और सरकार को कोई बीच का रास्ता निकालने की मांग की है। यूनिवर्सल कार्टन से ही इसका स्थाई समाधान हो सकता है। कल शाम तक उनकी सांकेतिक हड़ताल है सरकार उनसे बातचीत करके हल निकाले।
    कुल्लू से मनाली आने-जाने के लिए सड़क मार्ग तय, जानिए कैसे होगी आवाजाही

    वहीं, फल, फूल सब्जी उत्पादक संघ के अध्यक्ष हरीश चौहान और अन्य बागवानों का कहना है कि प्रदेश सरकार का किलो के हिसाब से सेब बेचने का फैसला बागवानों के हित में है। ऐसे में किलो के हिसाब से ही आढ़ती मंडियों में खरीदें। कुछ आढ़ती अपने निजी फायदे के लिए बागवानों का शोषण करते रहे हैं जो अब सहन नहीं होगा। बागवान किलो के हिसाब से सेब बिक्री से खुश हैं। कुछ आढ़ती अपने फायदे के लिए इस व्यवस्था को फेल करने में तुले हैं ताकि मंडियों में वह अपनी मनमानी कर सकें।

    उधर बागवानी मंत्री जगत नेगी ने दो टूक साफ कर दिया है कि प्रदेश सरकार ने किलो के हिसाब से सेब बेचने का जो फैसला लिया है वह किसी भी सूरत में वापस नहीं किया जाएगा। आढ़तियों को किलो के हिसाब से ही सेब खरीदना होगा। इसका उल्लंघन करेगा उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने 24 किलो के हिसाब से यूनिवर्सल कार्टन प्रणाली की ग्रीडिंग के तहत सेब बेचने का फैसला लिया है ताकि बागवानों को लूट से बचाया जा सके।

Himachal Latest

Live video

Jobs/Career

Trending News

  • Crime

  • Accident

  • Politics

  • Education

  • Exam

  • Weather