हिमाचल के बेटे लांस नायक विकास चौधरी शौर्य चक्र से सम्मानित
ewn24news choice of himachal 12 May,2023 12:50 pm
गांव पहुंचने पर हुआ जोरदार स्वागत
देहरा। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला के बेटे लांस नायक विकास चौधरी को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है। देहरा उपमंडल की खबली पंचायत के मरियारी गांव के निवासी नायक विकास चौधरी को अदम्य साहस और रण कौशल दिखाने के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया।
दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में 9 मई को हुए समारोह के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने विकास चौधरी यह पदक प्रदान किया। विकास को यह सम्मान गत वर्ष जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में हुई मुठभेड़ के दौरान आतंकी को ढेर करने के लिए दिया गया है।
राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित होने के बाद लांस नायक विकास चौधरी गुरुवार को घर पहुंचे तो उनका जोरदार स्वागत किया गया। गांव में खुशी का माहौल है और विकास को बधाइयां देने वालों का तांता लगा हुआ है। शुक्रवार को विकास के सम्मान में पंचायत में एक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा।
6 मई, 2022 को अनंतनाग जिले के एक गांव जंगल में आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना मिली। वरिष्ठ अधिकारियों ने लांस नायक विकास चौधरी को आतंकवाद रोधी अभियान की अगुवाई करने के निर्देश देते हुए तुरंत वहां के लिए रवाना होने को कहा। वह करीब तीन घंटे पैदल चलकर जंगल में पहुंचे। साथियों के साथ घेराबंदी में लग गए। एक आतंकवादी ने शिलाखंडों की आड़ में दल पर फायरिंग शुरू कर दी।
विकास चौधरी ने अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा की परवाह किए बिना आदम्य साहस और उत्कृष्ट फायरिंग क्षमता का परिचय देते हुए रेंगते हुए बेहतर स्थिति ली और बुद्धिमतता और रण कौशलता से उन्होंने साथी की मदद के आतंकवादियों पर धावा बोल दिया।
एक खूंखार आतंकवादी अशरफ मौलवी को मार गिराया। उचित रण कौशल और अतुलनीय वीरता दर्शाने के लिए लांस नायक विकास चौधरी को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। वह ऐसे कई अभियानों में हिस्सा ले चुके हैं।
28 वर्षीय विकास चौधरी 2014 में जेएंडके राइफल्स तीसरी बटालियन, दि राष्ट्रीय राइफल्स में भर्ती हुए थे। 2019 से वह जम्मू-कश्मीर में तैनात हैं। विकास की जमा दो की पढ़ाई देहरा स्थित एक निजी स्कूल में हुई है।
2011 में उन्होंने राजकीय महाविद्यालय ढलियारा में वाणिज्य संकाय में दाखिला लिया। 2014 में अंतिम वर्ष के दौरान उनका चयन सेना में हुआ। इसके बाद उन्होंने इग्नू के माध्यम से स्नातक की। विकास की शादी करीब एक साल पहले हुई है।
पिता और चाचा भी सेना में दे चुके सेवाएं
विकास के पिता राजकुमार भी जेएंडके राइफल्स में रहे हैं। 2003 में सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने डीएससी (डिफेंस सिक्योरिटी कार्पस) में सेवाएं दी हैं। विकास के चाचा सुरेंद्र कुमार दो साल पहले सेना से सेवानिवृत्त हुए हैं, जबकि दादा पंजाब पुलिस से सेवानिवृत्त हैं।
विकास के पिता ने कहा कि उन्हें खुशी है कि बेटे ने 28 साल की आयु में इतना बड़ा पदक हासिल किया है। वहीं, खबली पंचायत के उपप्रधान राजीव कौंडल ने कहा कि नाइक विकास चौधरी को पंचायत की ओर से भी सम्मानित किया जाएगा।