कांगड़ा में आफत की बारिश-बच्चे सहित दो की मौत, कई लोग फंसे-सड़कें भी बंद
ewn24news choice of himachal 14 Aug,2023 10:06 pm
फतेहपुर की ठेहड़ पंचायत में पानी में बहा लड़का
धर्मशाला। जिला कांगड़ा में पिछले 24 घंटों में सर्वाधिक 273 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है, जिसके कारण जिलें में विभिन्न क्षेत्रों में सार्वजनिक सुविधाओं सहित निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचा है।
धर्मशाला में प्रेस को जारी एक बयान में डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन सभी विभागों के साथ समन्वय बनाकर सार्वजनिक सुविधाओं को रिस्टोर करने और आपदा में फंसे लोगों को बचाने के लिए निरंतर कार्यरत है।
डीसी ने बताया कि पिछले 24 घंटों में हुई भारी बारिश के कारण जिले में दो डेथ रिपोर्ट हुई है। उन्होंने बताया कि बाथू पुल के पास हुए भूस्खलन से ऊना के प्रवीण कुमार की मृत्यु हुई तथा फतेहपुर की ठेहड़ पंचायत में पानी के तेज बहाव में बह जाने से एक 11 वर्षीय बालक का देहावसान हो गया।
उन्होंने बताया कि बारिश के चलते जिले में 43 कच्चे और 5 पक्के मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि वहीं 59 कच्चे और 10 पक्के मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।
इसके अलावा 78 गौशालाएं और एक दुकान भी क्षतिग्रस्त हुई है। उन्होंने बताया कि इस दौरान 3 मवेशियों की जान भी गई है। डीसीDisaster rains in Kangra, ने बताया कि प्रभावित को तुरंत फौरी राहत देने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं।
डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि जिले में कल शाम से हुई भारी बारिश में कुल 172 सड़कें अवरुद्ध हुईं थी, जिनमें से 111 को बहाल कर दिया गया है। वहीं 15 सड़कों को कल तक बहाल कर दिया जाएगा तथा शेष मार्गों को 15 अगस्त के बाद बहाल किया जाएगा।
डीसी ने बताया कि जिले में जल शक्ति विभाग की कुल 660 स्कीमों में से 287 भारी बरसात के चलते प्रभावित हो गई थीं, जिनमें से 155 को रिस्टोर कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि शेष बची स्कीमों को भी रिस्टोर करने का कार्य वॉर फुटिंग पर जारी है।
उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्रों में मुख्यतः धर्मशाला और पालमपुर की स्कीमें बाधित हुई थी, जिनमें से पालमपुर की पूरी तरह रिस्टोर कर दी गई है तथा धर्मशाला की स्कीम को 60 प्रतिशत के करीब रिस्टोर कर दिया गया है।
डीसी ने बताया कि जिले में भारी बारिश के चलते बिजली बोर्ड के कुल दो हजार ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हुए थे। उन्होंने बताया कि इनमें से 1,300 के लगभग ठीक कर दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि शेष 703 को भी पुनः संचालित करने के लिए बिजली बोर्ड के कर्मी कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि लम्बागांव और बड़ोह की सप्लाई को ज्यादा नुकसान पहुंचा है तथा इसे भी आज रात तक रिस्टोर करने के प्रयास जारी हैं।
डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि जिले में एनडीआरएफ की मदद से अधवानी और मंड में दो सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि ब्यास का जलस्तर बढ़ने से ज्वालामुखी के अधवानी में एक स्टोन क्रशर में 70 लोगों के फंसने की जानकारी प्राप्त हुई थी। उपायुक्त ने बताया कि इंदौरा के मंड क्षेत्र में भी लोगों के फंसने की सूचना मिली थी।
इन क्षेत्रों में स्थापित किए रिलीफ कैंप
डीसी ने बताया कि बारिश और आपदा की स्थिति को दुखते हुए जिले में विभिन्न स्थानों पर प्रभावितों के लिए रिलीफ कैंप प्रशासन द्वारा स्थापित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि नूरपुर के लदोरी, मिंज ग्रां में दो स्थानों पर राहत शिविर लगाए गए हैं।
इंदौरा के माला, बेला इंदौरा और बड़ुखर में, धीरा के पनापर, बचवाल और गरदेहड़ में, जयसिंहपुर के कुड़ाना, देहरु और कोसरी में, ज्वालामुखी के अधवानी और खुंडियां तथा जवाली के भरमाड़, चचियां, अनूही तथा धार कोटला में राहत शिविर लगाए गए हैं।
डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि ब्यास बेसिन में अत्याधिक बारिश का रेड अलर्ट होने के चलते अगले 24 घंटों में पंडोह और पौंग डैम से भारी मात्रा में पानी छोड़ा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि इस दौरान किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए एनडीआरएफ की एक अतिरिक्त टीम को पहले से ही इंदौरा के काठगढ़ मंदिर में तैनात कर दिया गया है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि ब्यास और पौंग के बहाव क्षेत्र से दूर रहें।