शिमला। हिमाचल का शिमला शहर कभी ब्रिटिश राज की ग्रीष्मकालीन राजधानी हुआ करता था। उत्तर भारत के सबसे लोकप्रिय हिल स्टेशन में से एक है और इसे 'पहाड़ों की रानी' भी कहा जाता है। शिमला हिमाचल के सिर पर एक ताज की तरह है। शिमला में रिज, माल रोड, जाखू हिल, कुफरी, नालदेहरा, नारकंडा आदि कई घूमने लायक स्थान हैं।
पर्यटन सीजन में काफी संख्या में लोग शिमला का रुख करते हैं। पर शिमला शहर की सबसे बड़ी समस्या ट्रैफिक जाम की समस्या है। यह समस्या कई बार सारी ट्रिप का मजा किरकिरा कर देती है। पर्यटन सीजन में भीड़ ज्यादा होने पर गाड़ियां सड़कों पर रेंगती नजर आती हैं।
हालांकि, शिमला पुलिस के जवान मुस्तैदी से तैनात रहते हैं, लेकिन इस समस्या का हल निकालना जरूरी है। वर्तमान सरकार इसको लेकर कोशिश में भी जुट गई है। पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने वीरवार को अधिकारियों के साथ बैठक कर शहर के सर्कुलर रोड का निरीक्षण किया और जहां-जहां कमियां हैं, उनको दूर करने के लिए अधिकारियों को रोडमैप तैयार करने के लिए निर्देश दिए। इसके अलावा सरकार ने इसके लिए एक कमेटी बनाने का भी निर्णय लिया है, जो पूरी रिपोर्ट तैयार करेगी।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि शिमला प्रशासनिक और पॉलिटिकल पर्यटन शहर है। शहर में ट्रैफिक की समस्या बढ़ती जा रही है, जिसे कम करने के लिए सरकार प्लान बना रही है। सर्कुलर रोड को जहां-जहां से चौड़ा करने की जरूरत है, वहां से सड़क को चौड़ा किया जाएगा। इसके लिए जमीन को एक्वायर करने की भी जरूरत होगी तो वह भी किया जाएगा। इसके अलावा पेंडिंग पार्किंग के निर्माण में भी तेजी लाई जाएगी। इसके वर्ल्ड बैंक के सहयोग से शिमला में रोप-वे का निर्माण भी होना है, जिससे शहर में ट्रैफिक की समस्या से निजात मिलेगी।