कांगड़ा के बीएसएफ जवान ने हाथियों के हमले में गंवाई जान
ewn24news choice of himachal 10 Aug,2023 5:41 pm
मेघालय में हुआ हादसा, बाइक पर जा रहे थे दो जवान
शाहपुर। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला के विधानसभा क्षेत्र शाहपुर के अधीन परगोड़ पंचायत का एक बीएसएफ जवान मेघालय में शहीद हुआ है। वहां पर हाथियों के झुंड ने बीएसएफ के जवानों पर हमला कर दिया।
9 अगस्त को विजय कुमार (41) पुत्र सागर सिंह वर्धन साथी के साथ बाइक से दक्षिण गारो हिल्स में नीलवाग्रे गांव के पास ड्यूटी के लिए जा रहे थे। उनकी ड्यूटी एसजीएच पर थी।
वे डूमडोमा से नीलवाग्रे सीमा चौकी (बीओपी) की ओर बढ़ रहे थे। यह इलाका भारत और बांग्लादेश के बीच सीमावर्ती क्षेत्र में पड़ता है। यहां जाने के दौरान रास्ते में जंगली और सुनसान इलाका है।
दोनों यहीं से गुजर रहे थे, तभी जंगली हाथियों के झुंड ने उनके ऊपर हमला कर दिया। विजय कुमार के दोस्त जान बचाने में कामयाब रहे जबकि विजय कुमार हिंसक हाथियों के हमले का शिकार हुए और उनकी मौत हो गई।
कॉन्स्टेबल विजय कुमार के शरीर पर गंभीर चोटें आईं। शोर सुनकर आस-पास के स्थानीय लोगों ने दौड़कर उन्हें बचाया। उन्हें पास के सिबबारी पीएचसी में भर्ती कराया। हालांकि सिबबारी पीएचसी के डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। कॉन्स्टेबल विजय कुमार बीएसएफ की 181 बटालियन में तैनात थे।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जो रोंगटे खड़ा कर देने वाला है। हालांकि, वीडियो को लेकर किसी तरह की अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। वीडियो में बीएसएफ का जवान तेजी से भागता हुआ दिखाई दे रहा है, वहीं हाथी भी तेजी से उसके पीछे भाग रहा है। दूर-दूर तक कोई नजर नहीं आ रहा है। हाथी की तेज आवाज ही सुनाई दे रही है।
शहीद विजय कुमार (41) पुत्र सागर सिंह वर्धन वर्ष 2002 में बीएसएफ में भर्ती हुआ था। विजय कुमार मौजूदा समय में मेघालय में बतौर हवलदार कार्यरत था। विजय की शहादत की सूचना परिवार को मिली तो पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई।
परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। शहीद विजय कुमार 20 दिन पहले ही छुट्टी काटकर ड्यूटी पर लौटा था। शहीद के पिता सूबेदार सागर सिंह बीएसएफ से सेवानिवृत्त हैं जबकि माता स्वर्णा देवी गृहिणी है।
शहीद विजय कुमार के घर में माता-पिता, पत्नी सुलक्षणा (37) व तीन बेटियां कुमकुम (15) शगुन (12) व सहज (4) हैं। प्राप्त जानकारी अनुसार शहीद विजय कुमार की पार्थिव देह मेघालय से हवाई जहाज के माध्यम से दिल्ली पहुंचाई गई है। शुक्रवार को पार्थिव देह पैतृक गांव पहुंचेगी जहां उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।