शिमला। हिमाचल प्रदेश आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका यूनियन की राज्य स्तरीय बैठक का आयोजन शिमला में किया गया। बैठक में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से जुड़े विभिन्न मसलों पर मंथन किया गया। यूनियन ने आउटसोर्स आधार एनटीटी भर्ती का विरोध किया है।
यूनियन के प्रदेश प्रभारी जितेंद्र वर्मा ने कहा कि शिक्षा विभाग ने अपने स्तर पर एनटीटी की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसमें एनटीटी के 6297 पद आउटसोर्स पर आठ हजार प्रति माह भरने शुरू कर दिए हैं लेकिन पिछले पचास वर्षों से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सेवाएं देती आ रही है। सरकार उनके स्थान पर प्री प्राइमरी एनटीटी के शिक्षकों को भर्ती कर रही है।
सरकार ने एनटीटी (NTT) भर्ती का 30 प्रतिशत कोटा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को देने को कहा है परन्तु आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को यह घाटे का सौदा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एनटीटी का कार्य पिछले पचास वर्षों से कर रही है, इसलिए यूनियन मांग करती है की वरिष्ठता व योग्यता के आधार पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को एनटीटी के पद पर पदोन्नति देकर रेगुलर किया जाए।
एनटीटी भर्ती की जो पालिसी शिक्षा विभाग द्वारा बनाई गई है इस भर्ती पॉलिसी से एनटीटी (NTT) शिक्षकों का भी शोषण हो रहा है व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी परेशानी में डाला जा रहा है।
यूनियन ने शिक्षा विभाग को चेताया कि एनटीटी भर्ती करने से पहले एनटीटी के डिप्लोमा की जांच करवाए। एनटीटी भर्ती में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 70 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग है। उन्होंने कहा कि मांगों को लेकर जल्द मुख्यमंत्री से मिलने की भी बात कही है। उन्होंने कहा कि अगर बात नहीं बनी तो कोर्ट का रुख भी किया जा सकता है।