शिमला। उत्तराखंड के जौनसार भाषा में बनी पहली फीचर फिल्म "मेरे गांव की बाट" देहरादून के सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। हिमाचल और उत्तराखंड की संस्कृति, रीति-रिवाज एवं परंपराओं से मेल खाती ये फिल्म जल्द ही प्रदेश में भी रिलीज होने वाली है।
शिमला और पांवटा साहिब के पिक्चर हॉल में ये फिल्म प्रदर्शित की जाएगी। यह जानकारी फिल्म के निर्माता के. एस चौहान और जौनसार के लोक गायक अज्जू तोमर ने संयुक्त रूप से शिमला में दी।
जौनसार बावर की पहली फीचर फिल्म "मेरे गांव की बाट" देहरादून के सेंट्रियो मॉल में 5 दिसंबर से हाउसफुल चल रही है और 27 या 28 दिसंबर तक शिमला व पांवटा साहिब में रिलीज करने की तैयारी है।
फिल्म के निर्माता के एस चौहान ने आज शिमला में बताया कि जौनसारी फ़िल्म "मेरे गांव की बाट" जौनसार बावर की संस्कृति को प्रचारित करने वाली है, बल्कि साथ ही इस क्षेत्र में रोजगार व कारोबार की दिशा में भी सकारात्मक बदलाव लाने वाली है।
फिल्म में संस्कृति के अलावा पलायन के दर्द को भी दिखाया गया है और इस समस्या से निपटने का संदेश भी दिया गया है। इसके अलावा कई क्षेत्रों के पिछले अनुभव बताते हैं कि जिस-जिस क्षेत्र की छोटी बड़ी फिल्म इंडस्ट्री बनी है वहां रोजगार में काफी इजाफा हुआ है।
सिनेमा व संगीत के अलावा पर्यटन उद्योग पर भी चौतरफा प्रभाव पड़ता है। स्थानीय होम स्टे, रेस्टारेंट आदि उद्योगों पर भी स्थानीय सिनेमा बड़ा असर डालता है।
इससे पहले उत्तराखंड में गढ़वाली व कुमाउनी भाषा की काफी फिल्में बन चुकी हैं पर जौनसार बावर की लोकभाषा में यह पहली फिल्म है जो बड़े पर्दे पर प्रदर्शित हो रही है। अब यह फिल्म हिमाचल प्रदेश के सिनेमा हॉल में भी जल्दी ही जल्द दिखाई जाएगी।