तपोवन (धर्मशाला)। हिमाचल प्रदेश की चौदहवीं विधानसभा के दशम सत्र का तपोवन धर्मशाला में आगाज हो गया है। सत्र 26 नवंबर, 2025 से 05 दिसंबर, 2025 तक आयोजित किया जाएगा। इस सत्र में कुल 8 बैठकें आयोजित की जाएंगी। पहले दिन की कार्यवाही की शुरुआत में पूर्व विधायक स्वर्गीय बाबू राम गौतम के प्रति सदन में शोकोदगार प्रस्तुत किया गया।
इसके बाद प्रश्नकाल शुरू हुआ। प्रश्नकाल में गतिरोध पैदा कर विपक्ष पंचायत चुनाव में देरी के मामले में स्थगन प्रस्ताव लेकर आया। भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने नियम 67 के तहत ये स्थगन प्रस्ताव लाया। इससे पहले की इस मामले पर हंगामा होता सरकार ने प्रस्ताव पर चर्चा के लिए हामी भर दी। हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष ने प्रस्ताव को मंजूरी दी और इस पर चर्चा शुरू हुई।
भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने नियम 67 के तहत स्थगन प्रस्ताव लाते हुए कहा कि सरकार संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान करे। पंचायत चुनाव समय पर होने चाहिए। चर्चा में भाग लेते हुए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने 1975 में आपातकाल का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 1975 में आपातकाल लगाकर भी इसी तरह से चुनाव टाले गए थे। अब आपदा प्रबंधन एक्ट लगाकर इसकी आड़ में चुनाव टाले जा रहे हैं। कोविड जैसे संकट होने के बावजूद भाजपा सरकार ने चुनाव करवाए। इससे बड़ा संकट आज की तिथि में नहीं है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी संविधान की सबसे बड़ी रक्षक पार्टी है। कांग्रेस ने ही महिलाओं के लिए पंचायती राज संस्थाओं में आरक्षण का प्रावधान किया। सरकार कानून के अनुसार कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूं तो यह मामला अर्ध न्यायिक रहा है, लेकिन इसके बावजूद विपक्ष ने आज संविधान दिवस होने की बात की है तो सरकार ने इसे मंजूर किया है। इस संबंध में कार्य हो रहा है तो वह कानून की परिधि में ही हो रहा है। मामला कोर्ट में है।