धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश की 14वीं विधानसभा का 7वां सत्र कल से धर्मशाला के तपोवन स्थित विधानसभा परिसर में शुरू होगा। तपोवन में इस वर्ष 18 से 21 दिसंबर तक होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र के लिए विधानसभा सचिवालय ने पूरी तैयारियां कर ली हैं।
इस दौरान विधानसभा सचिवालय को कुल 316 प्रश्नों की सूचनाएं प्राप्त हुई हैं, जिनमें विधानसभा सदस्यों द्वारा 248 तारांकित और 68 अतारांकित प्रश्न सदन में उठाए जाएंगे। तारांकित 248 प्रश्नों में 128 ऑनलाइन जबकि 120 ऑफलाइन हैं। इसी तरह अतारांकित प्रश्नों में 32 ऑनलाइन और 36 ऑफलाइन पूछे गए हैं।
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने मंगलवार को तपोवन विधानसभा परिसर में पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी। इस दौरान विधानसभा के उपाध्यक्ष विनय कुमार भी उपस्थित रहे। कुलदीप पठानिया ने कहा कि इस बार शीतकालीन सत्र की चार बैठकों के दौरान विभिन्न नियमों के तहत सदन में सदस्यों द्वारा चर्चा भी की जाएगी।
इनमें नियम 62 के तहत 5, नियम 63 के तहत एक, नियम 101 के तहत 5 और नियम 130 के तहत तीन विषयों पर सदस्यों द्वारा सदन में चर्चा की जाएगी।
विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि इस बार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सरकार द्वारा सदन में 15 बिल प्रस्तुत किए जाएंगे, जिन पर चर्चा होने के बाद उन्हें पारित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस बार सत्र में हिमाचल विधानसभा के इतिहास में पहली बार जीरो आवर की शुरुआत की गई है। इसके तहत रोजाना सत्र के दौरान 12 से 12ः30 बजे तक कोई भी सदस्य प्रदेश हित से जुड़े मुद्दे सदन में उठा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इसके लिए सत्र से डेढ़ घंटा पूर्व सदस्य को विधानसभा सचिव को इसकी सूचना देनी होगी। एक सदस्य अधिकतम दो विषय जीरो आवर के दौरान उठा सकता है। हालांकि इन पर चर्चा नहीं होगी, लेकिन अगर कोई विभागीय मंत्री इस पर जवाब देना चाहता है तो वह दे सकते हैं।
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया में कहा कि सत्र के प्रथम दिन शोकोदगार होते हैं, लेकिन इस बार मानसून सत्र तथा इस सत्र के बीच अभी तक कोई भी अप्रिय घटना नहीं हुई है, इसलिए इस बार शोकोदगार नहीं होंगे। वहीं 20 दिसम्बर शुक्रवार को सत्र का तीसरा दिन प्राइवेट मेंबर डे के रूप में आयोजित होगा।
अध्यक्ष ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा को देश की पहली ई- विधानसभा होने का गौरव प्राप्त है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण और कार्यप्रणाली को सुगम बनाने की दृष्टि से हिमाचल प्रदेश विधानसभा देश में सबसे पहली ई-विधानसभा बनी थी।
उन्होंने कहा कि नेवा (नेश्नल ई-विधान एप्लीकेशन) के माध्यम से हर व्यक्ति अपने घर में बैठकर तपोवन में होने वाली विधानसभा की कार्यवाही देख सकेंगे।
उन्होंने कहा कि शिमला विधानसभा परिसर में नेवा लागू करने के लिए विधानसभा सचिवालय द्वारा केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्रालय को राशि स्वीकृत करने हेतु प्रस्ताव भेजा गया है, जोकि उनके विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि बजट प्राप्त होने के बाद हिमाचल प्रदेश विधानसभा शिमला भी नेवा एप के तहत ऑनलाइन कर दी जाएगी।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि धर्मशाला के तपोवन स्थित विधानसभा परिसर शीतकालीन सत्र के दौरान ही उपयोग में आता है। उन्होंने कहा कि इस परिसर की उपयोगिता बढ़ाने और जन-जन को इससे जोड़ने के लिए विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आगंतुकों और पर्यटकों के लिए परिसर को खोलने पर हम विचार कर रहे हैं।
जिससे यहां वर्ष भर लोग आएंगे और परिसर का रख-रखाव भी होता रहेगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा युवा संसद के आयोजन, पंचायती रात संस्थाएं और शहरी निकाय भी अपने सम्मेलनों के लिए इसका उपयोग कर सकें, ऐसा विचार भी किया जा रहा है।