शिमला। हिमाचल प्रदेश में स्ट्रीट वेंडर्स की समस्याओं का हल निकालने के लिए एक कैबिनेट सब कमेटी बनाई जाएगी। यह जानकारी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को विधानसभा सदन में दी। संजौली मस्जिद मामले को उठाते हुए हरीश जनारथा ने कहा कि कल के लिए बंद की कॉल है।
जनारथा ने कहा कि यह मुद्दा कहीं से कहीं पहुंच कर सांप्रदायिक हो गया है। लोगों में डर का माहौल है। माहौल शांत होना चाहिए। कोई भी प्रवासी यहां आए, उसका पंजीकरण हो। वेंडिंग जोन बनाए जाएं।
वहीं, इसके जवाब में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मंत्री और विधायक मिले थे। इस बारे में चर्चा की गई कि बाहर के लोगों ने किस प्रकार हिमाचल प्रदेश में आना है और किस तरह से तहबाजारी के लिए जगह दी जाए।
मुख्यमंत्री ने सदन में ऐलान किया कि इसके लिए मंत्रिमंडलीय उप समिति बनाई जाएगी, जो इस संबंध में चर्चा करेगी। सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश शांतिप्रिय प्रदेश है। हिमाचल की संस्कृति सबका सम्मान करने की रही है, लेकिन कानून व्यवस्था को खराब नहीं होने दिया जाएगा। इसके लिए सख्त कदम उठाएंगे।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि यह मामला गंभीर होता जा रहा है। यह शिमला ही नहीं, पूरे हिमाचल प्रदेश में कानून व्यवस्था का मुद्दा भी बन सकता है। यहां आने के लिए कोई रोक नहीं है। पर बड़ी तादाद में लोगों का यहां आना और जिनकी पृष्ठभूमि भी पता न हो, उसके बारे में वेरिफिकेशन की जरूरत है। बोलने में भी एहतियात बरतना चाहिए।
वर्तमान विषय हिमाचल प्रदेश के एक बड़े वर्ग की भावनाओं से जुड़ गया है। इसे हल्के में न लिया जाए। कमेटी गठित करने की बात केवल समय लेने के लिए की जाती है। जो प्रदर्शन हुआ, उसे किसी राजनीतिक दल का समर्थन नहीं था, लोग खुद घर से बाहर निकले। जो अनधिकृत निर्माण हिमाचल प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में हुए हैं, उनका मामला अलग है।
ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कोई भी भारत का नागरिक आ सकता है और अपनी आजीविका कमा सकता है। कुछ लोग इसे सांप्रदायिक रंग देना चाहते हैं और इस पर राजनीतिक रोटियां सेंकना चाहते हैं।
चाहे कोई भी व्यक्ति आए और काम करे तो उसकी पूरी तरह से वेरिफिकेशन होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने हालांकि इससे पहले जवाब दे दिया है कि कमेटी बनाई जाएगी। कुछ असामाजिक तत्व हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार की छवि को खराब करना चाहते हैं। आज ही इस पर एक्शन लिया जाए। इसमें आज ही पॉलिसी में बदलाव किया जाए, जिससे प्रदेश सरकार के प्रति गंभीरता रहे।