शिमला। समोसे देश और हिमाचल की सियासत में खूब गूंज रहा है। मामला यूं है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 1930 डाटा सेंटर के उद्घाटन और राज्य गुप्तचर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक के लिए राज्य गुप्तचर विभाग के कार्यालय पहुंचे थे।
उद्घाटन और अधिकारियों के साथ बैठक के बाद दौरे के बारे में पुलिस महानिदेशक राज्य गुप्तचर विभाग के कार्यालय में एक डीब्रीफिंग सत्र आयोजित किया गया था।
इस दौरान सीआईडी अधिकारियों के संज्ञान में आया कि कुछ खाद्य सामग्री मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को नहीं परोसी गई।
गुप्तचर विभाग के महानिदेशक ने यह पता लगाना चाहा कि खाने योग्य चीजें भोजन की सूची से कैसे गायब हो गईं। इसके लिए अंतरिम जांच की गई। भाजयुमो ने शिमला में शनिवार को समोसा मार्च निकाला और लोगों को खूब समोसा चटनी बांटी।
वहीं, अब सीएम के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने भी मामले में पलटवार किया है। नरेश चौहान ने कहा कि भाजपा के पास प्रदेश में सरकार के खिलाफ कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए समोसे पर राजनीति हो रही है।
नरेश चौहान ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में भाजपा प्रदेश के हित के मुद्दों को उठाने के बजाय समोसे पर राजनीति कर रही है, जबकि सरकार ने समोसे पर कोई सीईडी (CID) जांच नहीं करवाई है। उन्होंने कहा कि भाजपा हिमाचल का नकारात्मक प्रचार कर रही है।
भाजपा में नेतृत्व की कमी साफ दिख रही है और कौन प्रदेश में भाजपा का अगला नेता होगा इसके लिए अंदर खाते लड़ाई चल रही है। भाजपा को विपक्ष की सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए और केंद्र सरकार के पास हिमाचल के जो प्रोजेक्ट्स फंसे हुए हैं, उन्हें बहाल करने का काम करना चाहिए न कि समोसे पर बहस होनी चाहिए।