धर्मशाला। कांगड़ा जिला मुख्यालय धर्मशाला में शुक्रवार को प्रदेश पटवार एवं कानूनगो महासंघ के आह्वान पर जिला भर के सैकड़ों पटवारियों व कानूनगो ने रैली निकाल कर स्टेट कैडर के विरोध में प्रदर्शन किया। रैली हनुमान मंदिर से शुरू होकर प्रयास भवन से होती हुई डीसी ऑफिस के बाहर पहुंची। पटवारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुक्रवार को आठवें दिन भी जारी रही।
इस अवसर पर महासंघ के जिला जिलाध्यक्ष विचित्र ठाकुर के अतिरिक्त रिटायर्ड कानूनगो बलवान सिंह, राजकुमार, संजीव कुमार, मीना कुमारी, मीनाक्षी, नवीन रणौत आदि ने स्टेट कैडर से होने वाली खामियों को उजागर किया।
रैली के दौरान जिला भर की कांगड़ा, धर्मशाला, नगरोटा, बड़ोह, नूरपुर, हरिपुर, सदवां, बैजनाथ, धीरा, रक्कड़, जसवां, देहरा, पालमपुर, डाडासीबा, फतेहपुर, ज्वाली, कोटला, प्रागपुर आदि तहसीलों के पटवारियों व कानूनगो ने हक पाने के लिए आवाज बुलंद की।
पटवार एवं कानूनगो महासंघ ने एडीसी कांगड़ा के माध्यम से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में लिखा गया है कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने 22 फरवरी, 2025 को प्रदेश से समस्त पटवारी और कानूनगो को जिला कैडर बदलकर स्टेट कैडर कर दिया गया है। पटवारी और कानूनगो फैसले का विरोध कर रहे हैं। सुविधाओं के अभाव में कार्य कर रहे पटवारी और कानूनगो इस आदेश से अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
उक्त आदेशों में पटवारी एवं कानूनगो के आरडीपी रूल्स 1992 की उल्लंघना हुई है, जिससे समस्त पटवारी एवं कानूनगो की वरिष्ठता सूची भी प्रभावित होगी। 15 अगस्त 2024 को देहरा में प्रदेश संघ ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ लगभग एक घंटा बैठक की थी और सभी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की थी। इसके बाद सरकार ने कमेटी का गठन किया था।
इस कमेटी ने सिफारिशें सरकार को प्रस्तुत कीं। सरकार ने संघ को आश्वासन दिया था कि पटवारी और कानूनगो का कैडर जिला से राज्य करने से पूर्व महासंघ के साथ विचार विमर्श किया जाएगा, लेकिन सरकार ने संघ को विश्वास में न लेकर बलवान कमेटी की सिफारिशों को लागू करने की जगह 22 फरवरी 2025 को नोटिफिकेशन जारी कर दी।
इससे पटवारी और कानूनगो आहत हैं। विरोध स्वरूप हिमाचल प्रदेश के सभी पटवारी और कानूनगो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चल रहे हैं। पटवारी और कानूनगो की मांग का समर्थन समस्त पंचायतों के द्वारा भी किया गया है। पटवार एवं कानूनगो महासंघ ने मांग की है कि स्टेट कैडर की नोटिफिकेशन वापस ली जाए।