हिमाचल में कर्मचारियों और पेंशनर के एरियर को लेकर बड़ी अपडेट- पढ़ें
ewn24news choice of himachal 05 Mar,2024 7:49 pm
सरकार ने 4 मार्च के आदेश लिए वापस
शिमला। हिमाचल सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनर के वेतनमान व डीए के एरियर को लेकर जारी आदेश वापस ले लिए हैं।
सुक्खू सरकार ने 4 मार्च 2024 को वेतनमान और डीए के एरियर को लेकर आदेश जारी किए थे। इन आदेशों के बाद कर्मचारियों में रोष था। इसके मध्यनजर सरकार ने इन्हें वापस ले लिया है।
बता दें कि सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर को संशोधित वेतनमान और डीए एरियर को लेकर सरकार ने 4 मार्च को आदेश जारी कर थे।
आदेशों के अनुसार संशोधित वेतनमान के एरियर की बात करें तो कुल बकाया का 1.5 प्रतिशत माह मार्च 2024 में देय होना था। 3 प्रतिशत वार्षिक भुगतान वित्तीय वर्ष 2024-25 में किया जाना था, जो प्रति माह कुल बकाया का 0.25 प्रतिशत की दर से वितरित किया जाना था।
वेतनमान में संशोधन का बकाया कर्मचारियों/पेंशनभोगियों के वेतन/पेंशन के साथ मासिक रूप से वितरित किया जाना था। वहीं, वित्तीय वर्ष 2024-25 में नियमित सरकारी कर्मचारियों के वेतन के साथ 1.5 प्रतिशत मासिक की दर से महंगाई भत्ते की बकाया राशि का भुगतान किया जाना था।
यह सुनिश्चित करने को कहा था कि बकाया वेतनमान के बकाया और डीए के बकाया के लिए निर्धारित सीमा से अधिक न होगा। पेंशन/पारिवारिक पेंशन के कुल बकाया का अतिरिक्त 1.5 प्रतिशत मार्च 2024 के महीने में 2016 से पहले के पेंशनभोगियों/पारिवारिक पेंशनभोगियों को वितरित किया जाना था।
वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान 2016 से पहले के पेंशनभोगियों/पारिवारिक पेंशनभोगियों को कुल पेंशन/पारिवारिक पेंशन बकाया का 3 प्रतिशत अतिरिक्त भुगतान किया जाना था।
वित्तीय वर्ष 2024 25 में पेंशन बकाया का 3 प्रतिशत मार्च 2024 की मासिक पेंशन से कुल पेंशन बकाया का 0.25 प्रतिशत किस्तों में दिया जाना तय हुआ था। यह अप्रैल 2024 के महीने में देय होना था। यदि बकाया राशि 5000 रुपये से कम है तो ऐसी बकाया राशि का भुगतान अंतिम किस्त के रूप में एकमुश्त किया जाना था।
1 जुलाई 2022 से 31 मार्च 2024 तक पेंशनर को डीए बकाया की बात करें तो प्रति माह कुल बकाया का 1.5 फीसदी की दर से दिया जाना तय हुआ था। यह भुगतान 1 अप्रैल 2024 से शुरू होना था।
4 मार्च को जारी आदेशों के तहत पेंशनर/फेमिली पेंशनर की मृत्यु होने की स्थिति में पूरी बकाया राशि नामांकित कानूनी उत्तराधिकारी को एकमुश्त अदा की जाना थी। यह राशि इन आदेशों के जारी होने की तारीख से दो महीने के भीतर दी जानी थी।