Breaking News

  • Demand for Dialogue with State Government to Safeguard Employee Rights
  • शिमला में आपातकालीन संचालन केंद्र स्थापित, छुट्टियों सहित 24x7 रहेगा चालू
  • कर्मचारी हितों की रक्षा को लेकर शिक्षकों से संवाद करे राज्य सरकार
  • सोलन : सोशल मीडिया पर शेयर की देशविरोधी पोस्ट, महिला गिरफ्तार
  • हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग ने इन पदों पर शुरू की भर्ती-6 जून लास्ट डेट
  • गंगथ में गिरा बमनुमा मिसाइल का टुकड़ा, सड़क पर पड़ गया गड्ढा
  • Job Alert : हमीरपुर में 10वीं फेल के लिए भी नौकरी का मौका, होंगे साक्षात्कार
  • सैन्य स्टेशनों पर पाकिस्तान ड्रोन और मिसाइल हमले को लेकर सेना की अपडेट-जानें
  • Breaking : ऊना जिला में पूर्ण ब्लैक आउट, 9 मई को बंद रहेंगे सभी शिक्षण संस्थान
  • देहरा पुलिस की अपील : रात को लाइट्स बंद कर सोएं, मेडिकल किट रखें तैयार

सिरमौर के संजीव ने लिखी कामयाबी की इबारत, मुनाफा भी कमा रहे-रोजगार भी दे रहे

ewn24news choice of himachal 27 Dec,2022 6:44 pm

    राजगढ़ के नेरी कोटली पंचायत में सनोहत गांव के निवासी


    राजगढ़। कहते हैं कि कुछ करने की दृढ़ इच्छा हो तो आप किसी भी मंजिल को पा सकते हो। ऐसा ही कर दिखाया है सिरमौर जिला के राजगढ़ उपमंडल के नेरी कोटली पंचायत के सनोहत गांव के संजीव रपेइक ने। वह न केवल अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं, बल्कि लोगों को रोजगार भी मुहैया करवा रहे हैं। संजीव रपेइक मल्टीपर्पज नर्सरी का कारोबार कर रहे हैं। आड़ू, पलम, बादाम और सेब के रूट स्टॉक तैयार कर बेचते हैं।



    संजीव रपेइक ने 14-15 साल पहले कोटखाई के पुढ़ग के बेहद अनुभवी बागवान चेत राम धनी से नर्सरी का काम सीखा। उस समय राजगढ़ में सेब की बागवानी नहीं हुआ करती थी। दोनों ने मिलकर राजगढ़ में सेब से ही शुरुआत की। कुछ समय बाद चेत राम कोटखाई लौट गए तो संजीव ने अकेले काम शुरू किया। इसके बाद संजीव रपेइक ने एक छोटी सी नर्सरी से शुरुआत की। अपनी मेहनत से अब मल्टी पर्पज नर्सरी में करोड़ों का कारोबार कर रहे हैं। रमेश कुमार और कमला देवी के पुत्र 40 वर्षीय संजीव रपेइक हिमाचल और उत्तराखंड में मल्टी पर्पज नर्सरी चला रहे हैं। यही नहीं अकेले इस कारोबार की शुरुआत करने वाली संजीव आज करीब 23 लोगों को रोजगार दे रहे हैं।



    संजीव रपेइक ने बताया कि जब वह सेब की रूट स्टॉक की नर्सरी करते थे तो उन्हें बांगलादेश से सेब की डिमांड आनी शुरू हो गई। उन्होंने नेपाल और पाकिस्तान भी सेब के रूट स्टॉक भेजे। फिलहाल उनके पास अभी एक्सपोर्ट-इंपोर्ट का लाइसेंस नहीं है फिर भी बाहर से लोग भारत आकर उनके सेब  रूट स्टॉक लेकर जाते हैं। संजीव सेब से कुछ अलग काम चाहते थे। उस समय राजगढ़ में एक अंग्रेज मिस्टर हेडी आए, जिन्होंने संजीव को पलम के रूट स्टॉक के बारे में बताया। उन्होंने पलम की नर्सरी करने का मन बनाया।



    वह कुछ समय चंडीगढ़ में भी रहे। उनके दोस्त के पिताजी का नैनीताल में बगीचा था। उसमें पलम और आड़ू के रूट स्टॉक थे। उस समय हिमाचल में इस बारे में कोई नहीं जानता था। नौणी विवि में भी पलम के रूट स्टॉक लाए गए थे, लेकिन वह सफल नहीं हो पाए थे। संजीव बताते है कि उनके आड़ू, पलम और बादाम की अरुणाचल में भारी डिमांड है। खास बात ये है कि पलम में कम खर्चा है और पलम की ज्यादातर वैरायटी शुगर फ्री भी है।




    बता दें कि संजीव रपेइक ने 8-10 साल पहले उधार आदि लेकर 30-40 हजार रुपए से कारोबार की शुरुआत की थी। फिर थोड़ा लोन लेकर काम आगे बढ़ाया और आज खर्च 8-10 लाख का हो जाता है और एक करोड़ के आसपास मुनाफा कमा लेते हैं। संजीव इस साल पलम का तीन हजार प्लांट लगाने वाले हैं। रूट स्टॉक खरीदने या इससे जुड़ी जानकारी के लिए संजीव रपेइक से संपर्क किया जा सकता है।



    [embed]
    [/embed]





    आज की ताजा खबर, ब्रेकिंग न्यूज़, लाइव न्यूज अपडेट पढ़ें https://ewn24.in/ पर,  ताजा अपडेट के लिए हमारा Facebook Page Like करें 





    [embed]
    [/embed]


Himachal Latest

Live video

Jobs/Career

Trending News

  • Crime

  • Accident

  • Politics

  • Education

  • Exam

  • Weather