शिमला। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला के घुमारवीं के पनियाला गांव निवासी हरिमन शर्मा को पद्मश्री पुरस्कार मिलने की घोषणा हुई है। वह इस वर्ष पद्म पुरस्कार पाने वाले इकलौते हिमाचली हैं। उन्हें कृषि के क्षेत्र में यह सम्मान मिल रहा है।
परंपरागत क्षेत्र का सेब जुलाई से सितंबर तक तैयार होता है, मगर गर्म इलाके का यह HRMN-99 सेब जून में तैयार हो जाता है। उस समय बाज़ार में कहीं भी सेब का फल नहीं मिलता है, जिस कारण यह बहुत अच्छे दामों पर बिकता है।
बता दें कि निचले क्षेत्रों में सेब उगाने का प्रयोग हरिमन शर्मा ने 1998 में शुरू किया था। शुरुआत में उन्हें कुछ कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ा।
पर उनके प्रयास रंग लाए और वह अपने प्रयोग में सफल हुए। उनके प्रयासों ने साबित कर दिया कि सेब ठंडे इलाकों में ही नहीं, बल्कि गर्म जलवायु में भी उगाए जा सकते हैं।
इस प्रयोग के सफल होने के बाद उन्हें एप्पल मैन कहा जाने लगा। हरिमन शर्मा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के 30 से अधिक अवार्ड से नवाजे जा चुके हैं। वर्ष 2017 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के हाथों भी उन्हें सम्मान मिला था।
अब उनके प्रयासों के बूते ही प्रदेश के मैदानी जिलों कांगड़ा, बिलासपुर, हमीरपुर, ऊना, मंडी और सोलन में भी सेब उगाया जा रहा है।
उनके उगाए सेब महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, असम और अरुणाचल प्रदेश में भी लगाए जा रहे हैं।
यही नहीं विदेशों साउथ अफ्रीक, जर्मनी, नेपाल और बांग्लादेश आदि में भी उनकी तैयार सेब को उगाया जा रहा है।
किसान हरिमन शर्मा का जन्म 4 अप्रैल 1956 को दयाराम निवासी ग्राम गलासीं, डाकघर दामला, तहसील घुमारवीं, जिला बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश के घर हुआ। मात्र तीन दिन के थे तो इनकी माता का निधन हो गया।
पिता के लिए तीन दिन के बच्चे का पालन पोषण करना काफी कठिन था। इसके चलते रिडकु राम, ग्राम पनियाला, डाकघर कोठी, तहसील घुमारवीं ने उन्हें गोद लिया और इनका पालन-पोषण किया।
हरिमन शर्मा ने मैट्रिक तक शिक्षा ग्रहण की। वह एक ही खेत में सेब, आम, अनार, लीची, खुमानी, कीवी का उत्पादन करने पर भी वह खूब चर्चा में रहे थे।
प्रचार-प्रसार बढ़ जाने के बाद हिमाचल प्रदेश सरकार ने इन्हें बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट डॉ. वाईएस परमार यूनिवर्सिटी नौणी सोलन में प्रशासकीय विभाग में सदस्य नियुक्त किया है।
हरिमन शर्मा ने बताया कि एक लाख से ज्यादा बागवानों ने अब तक करीब 14 लाख पौधे लगाए हैं। उन्होंने खुद 6000 किसानों को 1.9 लाख से ज्यादा पौधे बांटे हैं।