शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार मादक पदार्थों के दुरुपयोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए स्कूली पाठ्यक्रम में एक अध्याय शामिल करने जा रही है।
मुख्यमंत्री ने मादक पदार्थों के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के विरुद्ध आज यहां अंतरराष्ट्रीय दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह की अध्यक्षता करते हुए समाज के हर वर्ग से हिमाचल प्रदेश को नशा मुक्त राज्य बनाने के लिए मादक पदार्थों के दुरुपयोग के खिलाफ अभियान का हिस्सा बनने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि में नशे के लिए कोई भी स्थान नहीं है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे खुद को नशे से दूर रखें और अपने साथियों को भी इस विनाशकारी रास्ते पर जाने से रोकें।
लागत से 100 बिस्तर क्षमता का आधुनिक नशा मुक्ति केंद्र स्थापित किया जा रहा है, जिसका निर्माण कार्य आरंभ कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार का लक्ष्य प्रत्येक जिला में नशा मुक्ति केंद्र स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने सत्ता संभालने के उपरांत वर्ष 2023 में पीआईटी-एंडीपीएस एक्ट लागू किया है, जिसे पूर्व भाजपा सरकार पूरे पांच वर्षों में लागू करने में असमर्थ रही।
इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा कि नशीली दवाओं के दुरुपयोग के विरुद्ध लड़ाई में और प्रयास करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि यह अभियान आज़ादी की लड़ाई जैसा जन आंदोलन बनाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए।
विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने भी नशीली दवाओं के दुरुपयोग के हानिकारक प्रभावों और रोकथाम के उपायों पर विस्तार से चर्चा की। शिमला जिला के कोटशेरा स्थित राजकीय डिग्री कॉलेज के विद्यार्थियों ने नशे जैसे गंभीर मुद्दे पर जागरूकता लाने के लिए एक नाटक प्रस्तुत किया।