Breaking News

  • पंडोह डैम में बढ़ा जलस्तर : किसी भी समय छोड़ा जा सकता है पानी
  • मंडी : सुंदरनगर जा रहे बाइक सवार गाड़ी से टकराए, एक युवक की गई जान
  • हिमाचल की बेटी क्रिकेटर रेणुका ठाकुर को दी जाएगी एक करोड़ की सम्मान राशि
  • दुकान की सीमा से बाहर न रखें सामान, जसूर पहुंचे डीएसपी नूरपुर-दिए ये निर्देश
  • बीटेक और ITI युवाओं के लिए रोजगार का मौका : हमीरपुर में 10 नवंबर को इंटरव्यू
  • राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बैहल की छात्राओं ने जिला स्तरीय सांस्कृतिक प्रतियोगिता में मारी बाजी
  • कांगड़ा : कच्छियारी बाई पास फोरलेन पर चिट्टे के साथ पकड़ा नशा तस्कर
  • कंडवाल चरस मामला : जवाली का कुख्यात तस्कर शुभकर्ण चंडीगढ़ से गिरफ्तार
  • पच्छाद में मुख्यमंत्री की विशाल जनसभा जल्द, किए जाएंगे करोड़ों के लोकार्पण व शिलान्यास
  • बैजनाथ हत्या मामला : शादीशुदा महिला के साथ था अफेयर, पति ने ले ली जान

कर्मचारी हितों की रक्षा को लेकर शिक्षकों से संवाद करे राज्य सरकार

ewn24 news choice of himachal 09 May,2025 8:00 pm


    नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ की मांग


    राकेश/शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देकर एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक निर्णय लिया गया, जिससे उन्होंने कर्मचारी हितैषी नेतृत्व का परिचय दिया। इस सराहनीय पहल के लिए समस्त कर्मचारी वर्ग राज्य सरकार का कोटि-कोटि आभार व्यक्त करता है।

    हालांकि, नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ का कहना है कि पूर्व में प्राप्त समस्त कर्मचारी अधिकारों को भी यथावत बनाए रखा जाना चाहिए। इस विषय में महासंघ के राज्य उपाध्यक्ष संजीव शर्मा ने क्रमिक अनशन के दौरान बयान जारी करते हुए सरकार और शिक्षा विभाग से सौहार्दपूर्ण वार्ता की अपील की।

    उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षक संघ की मांगों पर सकारात्मक कदम उठाते हुए व्यापक स्तर पर संवाद आवश्यक है, ताकि शिक्षकों की समस्याओं का शांतिपूर्ण समाधान हो सके। साथ ही, 26 अप्रैल 2025 को आयोजित धरना प्रदर्शन के बाद जिन शिक्षकों पर की गई प्रतिशोधात्मक कार्रवाइयाँ जैसे निलंबन और पुलिस FIR दर्ज की गई, उन्हें तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाना चाहिए।

    संजीव शर्मा ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहां संविधान द्वारा विरोध करने और शांतिपूर्ण आंदोलन करने का अधिकार प्रत्येक नागरिक को प्राप्त है। ऐसे में आंदोलनों के जवाब में दमनकारी कार्रवाई करना पूर्णतः अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है। उन्होंने सरकार से इन कार्रवाइयों को बिना देरी के वापस लेने की मांग की।


Himachal Latest

Live video

Jobs/Career

Trending News

  • Crime

  • Accident

  • Politics

  • Education

  • Exam

  • Weather