कम मत प्रतिशतता वाले केंद्रों के लिए चलाया था अभियान
शिमला। हिमाचल विधानसभा चुनाव में मिशन-277 अभियान के तहत 277 मतदान केंद्रों में मतदान में 6 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने बताया कि प्रदेश में 2017 में संपन्न विधानसभा चुनाव के दौरान 277 ऐसे मतदान केंद्र थे, जहां मत प्रतिशतता कम दर्ज की गई थी।
इसी के दृष्टिगत निर्वाचन विभाग द्वारा विधानसभा चुनाव-2022 के लिए उत्सव (यूनिवर्सल ट्रांसपेरेंट इलेक्शन थ्रू सिस्टमिक अवेयरनेस ऑफ वोटर्स) तथा मतदाता जागरूकता गतिविधियों (स्वीप) के तहत आरंभ किए गए मिशन-277 अभियान के तहत इन 277 मतदान केंद्रों में 6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने बताया कि निर्वाचन विभाग द्वारा इन मतदान केंद्रों की पहचान के बाद इनमें हुए कम मतदान के कारणों का पता लगाने के लिए विस्तृत विश्लेषण किया गया। कुछ कारण जो सामने आए वे थे प्रवासी आबादी, स्थानीय मुद्दों के कारण चुनाव का बहिष्कार, युवा एवं शहरी उदासीनता तथा अन्य राज्यों से संबंधित केंद्र सरकार के कर्मचारियों की मतदान के प्रति उदासीनता।
इसके अतिरिक्त अन्य राज्यों में काम कर रहे हिमाचल के मतदाता, प्रतिकूल मौसम की स्थिति, विवाह-शादियों का आयोजन तथा चुनाव के दौरान फसल कटाई का समय जैसे भी अन्य प्रमुख कारण थे।
इन सभी उपायों को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन विभाग ने 2022 के विधानसभा चुनाव में जागरूकता कार्यक्रम चलाए गए, जबकि विभिन्न स्तरों पर नियमित बैठकें करने के अतिरिक्त जिला चुनाव अधिकारियों, रिटर्निंग अधिकारियों, वरिष्ठ अधिकारियों तथा खंड स्तर के अधिकारियों द्वारा संबंधित क्षेत्रों के व्यक्तिगत दौरे किए गए।
इसके साथ ही बूथ स्तर पर मतदाताओं को जागरूक करने के विभिन्न गतिविधियां आयोजित की गई तथा साक्षरता क्लबों, चुनाव पाठशालाओं की सक्रियता से भी लोगों को मतदान के प्रति जागरूक किया गया, ताकि कम मत प्रतिशतता वाले इन मतदान केंद्रों में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।
उन्होंने कहा कि राज्य निर्वाचन विभाग के सतत प्रयासों से मिशन-277 के अंतर्गत चिन्हित किए गए इन 277 मतदान केंद्रों पर मतदान प्रतिशत में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। इन 277 मतदान केंद्रों में पिछले चुनावों की अपेक्षा छह प्रतिशत अधिक मतदान दर्ज किया गया।
277 में से 198 मतदान केंद्रों में उच्च मतदान प्रतिशतता दर्ज की गई । 57 केंद्रों में 10 प्रतिशत से अधिक, 10 केंद्रों में 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। इसी तरह दो मतदान केंद्रों पर 30 प्रतिशत से अधिक, दो मतदान केंद्रों पर 40 प्रतिशत तथा जबकि चार मतदान केंद्रों पर 50 प्रतिशत से अधिक मतदान प्रतिशतता दर्ज की गई।
ये 277 मतदान केंद्र और मत प्रतिशतता में बढ़ोतरी
चंबा जिला में 31 मतदान केंद्र हैं। 2017 में इन केंद्रों में 48.02 फीसदी मतदान हुआ था और इस बार 61.15 प्रतिशत मतदान रिकॉर्ड किया गया है। 2017 के मुकाबले 13.13 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। कांगड़ा जिला के 54 मतदान केंद्रों में 2017 में 55.62 और 2022 में 61.00 फीसदी वोटिंग हुई है। 5.38 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है। लाहौल-स्पीति में 6 मतदान केंद्र हैं। 2017 में यहां 56.88 और इस बार 6.08 फीसदी वृद्धि के साथ 62.96 प्रतिशत वोट डले हैं।
कुल्लू जिला के 12 मतदान केंद्रों में 2017 में 58.86 और इस बार 61.76 फीसदी वोटिंग दर्ज की है। बढ़ोतरी 2.90 प्रतिशत की हुई है। मंडी जिला के 35 मतदान केंद्रों में 2017 में 50.11 और इस बार 62.44 फीसदी वोटिंग हुई है। बढ़ोतरी 2017 के मुकाबले इस बार 12.33 फीसदी रही है।
हमीरपुर में ऐसे 19 मतदान केंद्र हैं। 2017 में 56.55 और इस बार 66.31 प्रतिशत वोट डले हैं। इस बार पहले के मुकाबले 9.77 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
ऊना जिला के 2 पोलिंग स्टेशन पर 2017 में 60.09 फीसदी और इस बार 5.08 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 65.17 प्रतिशत वोटिंग रिकॉर्ड की है।
बिलासपुर जिला के 4 मतदान केंद्रों में 2017 में 51.24 और इस बार 65.64 प्रतिशत मतदान हुआ है। बढ़ोतरी की बात करें तो 14.40 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। सोलन में ऐसे 32 मतदान केंद्र हैं। यहां 2017 में 55.78 प्रतिशत वोट डले थे और इस बार 0.06 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 55.84 प्रतिशत वोटिंग हुई है।
सिरमौर जिला के 4 मतदान केंद्रों में 2017 में 55.02 और 2022 में 58.36 फीसदी वोट डले हैं। 3.34 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। शिमला जिला में ऐसे 75 मतदान केंद्र हैं। 2017 में इन मतदान केंद्रों में 54.89 प्रतिशत और इस बार 59.39 फीसदी वोटिंग हुई है। 2017 के मुकाबले वोटिंग में 4.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। किन्नौर जिला के 3 मतदान केंद्रों में 2017 में 56.02 और इस बार 0.48 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 56.50 फीसदी मतदान रिकॉर्ड किया गया है।