शिमला। मंडी जिला के प्रस्तावित हवाई अड्डे के लिए केंद्र द्वारा धनराशि का प्रावधान नहीं किया गया है। ड्राफ्ट डीपीआर पर भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) ने कुछ आपत्तियां जताई थीं, जिन्हें डीपीआर में शामिल किया जा रहा है।
साथ ही प्रस्तावित हवाई अड्डे के निर्माण के लिए अधिग्रहित की जाने वाली भूमि के लिए सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार की जा चुकी है।
यह जानकारी हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान नाचन के विधायक विनोद कुमार के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मुहैया करवाई है।
जानकारी में बताया गया कि हवाई अड्डे के निर्माण के लिए संयुक्त उद्यम कंपनी (JVC) 9 नवंबर 2022 को पंजीकृत हुई है, जिसके तहत 51 लाख की राशि हिमाचल और 49 लाख भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा इक्विटी शेयर पूंजी (Equity Share Capital) के रूप में निवेश की गई है।
उक्त हवाई अड्डे के निर्माण के लिए ड्राफ्ट डीपीआर WAPCOS Ltd के माध्यम से तैयार की गई है, जिसे अनुमोदनार्थ भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को भेजा गया था।
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) द्वारा ड्राफ्ट डीपीआर पर कुछ आपत्तियां उठाई गई हैं, जिन्हें WAPCOS Ltd द्वारा डीपीआर में शामिल किया जा रहा है।
अंतिम डीपीआर जेवीसी के माध्यम से भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण नागरिक उड्डयन मंत्रालय भारत सरकार को अनुमोदनार्थ प्रस्तुत किया जाएगा। प्रस्तावित हवाई अड्डे के निर्माण के लिए अधिग्रहित की जाने वाली भूमि के लिए सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार की जा चुकी है, जिसका मूल्यांकन बहुविषयक विशेषज्ञ समूह द्वारा किया जाना है।