नई दिल्ली। कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार और राज्य की प्रशासन व्यवस्था को लेकर कई सख्त टिप्पणियां की साथ ही अस्पताल प्रशासन को भी फटकार लगाई।
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से 22 अगस्त तक टास्क स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसी को गुरुवार तक यह जानकारी देनी होगी कि उन्होंने अब तक क्या कदम उठाए हैं और जांच कहां तक पहुंची है। कोर्ट ने डॉक्टर्स से हड़ताल से वापस लेने का भी आह्वान किया है।
इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए 10 सदस्यों की नेशनल टास्क फोर्स गठित कर दी है। इमसें मेडिकल सहित केंद्र सरकार के अधिकारी भी शामिल हैं।
NTF में डॉ जी नागेश्वर रेड्डी, डॉ एम श्रीनिवास (डायरेक्टर एम्स दिल्ली), डॉ प्रतिमा मूर्ति, डॉ गोवर्धन दत्त पुरी, डॉ सौमित्र रावत, डॉ अनीता सक्सेना, डॉ पल्लवी सारपे, डॉ पद्मा श्रीवास्तव शामिल हैं।
इसके अलावा नेशनल टास्क फोर्स (NTF) में सरकार की तरफ से अतरिक्त सदस्यों में कैबिनेट सक्रेटरी, गृह सचिव, स्वास्थ्य सचिव, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के अध्यक्ष और नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनर्स के अध्यक्ष को शामिल किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने NTF से एक्शन प्लान तैयार करने को कहा है जिससे कि जेंडर बेस्ड वॉइलेंस को रोका जा सके।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा यह केवल भयावह घटना नहीं बल्कि पूरे भारत में डॉक्टरों की सुरक्षा की कमियों को उजागर करता है। सीजेआई ने कहा कि हम अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंतित हैं। अगर महिलाएं काम पर नहीं जा सकतीं और सुरक्षित नहीं रह सकतीं तो हम उन्हें बुनियादी समानता से वंचित कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पीड़िता की पहचान उजागर होने पर चिंता जताते हुए कोर्ट ने कहा कि यह बेहद चिंताजनक है। प्रिंसिपल ने इसे आत्महत्या बताने की कोशिश की, माता-पिता को शव देखने की इजाजत क्यों नहीं दी। CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने पश्चिम बंगाल सरकार और हॉस्पिटल प्रशासन को फटकार लगाते हुए कहा कि एफआइआर देर से क्यों दर्ज हुई? हॉस्पिटल प्रशासन आखिर क्या कर रहा था?
अस्पताल में हुई तोड़फोड़ पर सवाल उठाते हुए कोर्ट ने कहा कि पुलिस को घटनास्थल की सुरक्षा करनी चाहिए। आखिर 7 हजार लोग वहां दाखिल कैसे हुए? कोर्ट ने कहा कि वह सिर्फ हत्यारा नहीं बल्कि एक विकृत व्यक्ति है। कोर्ट ने प्रदर्शनकारियों पर सख्ती को लेकर भी पश्चिम बंगाल सरकार को फटकार लगाईष
कोर्ट ने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन को नहीं रोका जा सकता। सु्प्रीम कोर्ट ने आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल की भूमिका पर भी सवाल उठाए। पूछा कि आखिर प्रिंसिपल क्या कर रहे थे। उन्हें इतनी देरी से पूछताछ के लिए क्यों बुलाया गया। उन्होंने ऐसी निष्क्रियता क्यों दिखाई।
इस घटना के बाद से देशभर के डॉक्टर्स प्रदर्शन कर रहे हैं। इसका जिक्र करते हुए CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम एक नेशनल टास्क फोर्स बनाना चाहते हैं जिसमें सभी डॉक्टरों की भागीदारी होगी।
CJI ने डॉक्टरों को कहा कि आप हम पर भरोसा करें। डॉक्टर्स की हड़ताल पर कहा, इस बात को समझें कि पूरे देश का हेल्थ केयर सिस्टम उनके पास है। आप काम पर लौटें और आपकी सुरक्षा की जिम्मेदारी अब हम देखेंगे।