शिमला। हिमाचल की बेटी मेजर राधिका सेन को प्रतिष्ठित सैन्य जेंडर एडवोकेट अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। भारतीय महिला शांति रक्षक मेजर राधिका सेन कांगो में संयुक्त राष्ट्र (यूएन) मिशन में सेवा दे चुकी हैं। हिमाचल प्रदेश के लिए ये गर्व की बात है।
राधिका को संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस 30 मई को "यूनाइटेड नेशंस मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर अवार्ड" (United Nations Military Gender Advocate of the Year for 2023.) से सम्मानित करेंगे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मेजर राधिका सेन को सोशल मीडिया के माध्यम से बधाई दी है। सुक्खू ने लिखा, "हिमाचल की बेटी मेजर राधिका सेन को संयुक्त राष्ट्र द्वारा सम्मानित होने पर हार्दिक बधाई। संयुक्त राष्ट्र द्वारा शांति सेना कर्मियों को दिए जाने प्रतिष्ठित पुरस्कारों की श्रृंखला में उन्हें यह सम्मान लैंगिक समानता की पैरवी के लिए मिला है।
उनकी इस उपलब्धि ने देवभूमि के माथे पर गौरव का तिलक लगाकर अन्य बेटियों के लिए प्रेरणा का नवदीप जलाया है। राधिका द्वारा रचा गया यह कीर्तिमान लैंगिक समानता के प्रति प्रगतिशील व क्रांतिकारी सोच को नया आयाम देगा। हमें उनकी इस उपलब्धि पर गर्व है। शुभकामनाओं सहित! "
बता दें कि साल 1993 में जन्मीं राधिका सेन मंडी जिला के सुंदरनगर क्षेत्र के भड़ोह की रहने वाली हैं। राधिका की माता निर्मल सेन भौतिक शास्त्र की प्रवक्ता हैं और उनके पिता ओंकार सेन हमीरपुर के राजकीय पॉलीटैक्नीक में प्रिंसीपल के तौर पर कार्यरत हैं।
राधिका सेन के दादा रूप सिंह सेन पहले भारतीय सेना में कैप्टन थे। इसके बाद वह होमगार्ड में कमांडैंट पद पर भी कार्यरत रहे।
भारतीय सेना की लैफ्टिनैंट राधिका सेन ने 10वीं की शिक्षा सुंदरनगर के सेंट मैरी स्कूल में की। इसके बाद उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से बीटैक की पढ़ाई की। इसके बाद राधिका ने आईआईटी मुंबई से एमटैक की पढ़ाई के दौरान एसएसबी की परीक्षा उत्तीर्ण की।
वह आठ साल पहले भारतीय सेना में भर्ती हुई थीं। मेजर राधिका सेन भारतीय त्वरित तैनाती बटालियन की कमांडर के तौर पर मार्च 2023 से अप्रैल 2024 तक कांगो गणराज्य के पूर्व में तैनात थीं।
इससे पहले मेजर सुमन गवानी को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया गया था। मेजर सुमन दक्षिण सूडान में संयुक्त राष्ट्र मिशन के साथ काम किया था और 2019 में उन्हें यह सम्मान दिया गया था।