शिमला। शिमला बस स्टैंड में बीते दिनों में बस की चपेट में आने से एक महिला की मौत हो गई थी जिसके बाद एचआरटीसी (HRTC) प्रबंधन ने बस स्टैंड में कई वर्षों से रेहड़ी-फड़ी का काम कर रहे तहबाजारियों पर पाबंदी लगा दी।
इस फैसले को लेकर आज तहबाजारियों ने सीटू के बैनर तले एचआरटीसी (HRTC) प्रबंधन के खिलाफ एमडी कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। उन्होंने तहबाजारियों को उजाड़ने के बजाय बसाने की मांग की है।
सीटू के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि देश में 2014 में स्ट्रीट वेंडर कानून बनाया गया है जिसमें तहबाजारियों को बसाने की बात कही गई है, लेकिन शिमला में एचआरटीसी (HRTC) प्रबंधन कानून की धज्जियां उड़ा कर तहबाजारियों को उजाड़ने में लगा है।
30 वर्ष पहले एचआरटीसी मंत्री ने शिमला बस स्टैंड में रेहड़ी-फड़ी लगाने वाले तहबाजारियों को पत्र लिखकर कहा था कि उन्हें यहां से उठाया न जाए।
बावजूद इसके एचआरटीसी ने इन्हें उजाड़ने का काम किया है जिसका आज विरोध किया जा रहा है।
अगर एचआरटीसी (HRTC) प्रबंधन ने शीघ्र इन्हें उठाए गए सामान को वापस नहीं लौटाया और इन्हें यहां बैठने नहीं दिया तो सीटू 72 घंटे तक महा घेराव और उग्र आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेगा।