सोलन। क्षेत्रीय अस्पताल सोलन प्रबंधन की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। डॉक्टरों से हर्निया के एक बुजु्र्ग पेशेंट को ऑपरेशन की डेट की, दवाई भी दी और ड्रेस भी पहनाई लेकिन ऑपरेशन की बारी आई तो इनकार कर दिया है।
पेशेंट के परिजन परेशान होकर निजी अस्पताल पहुंचे और जो ऑपरेशन मुफ्त में होना था उसके लिए उन्हें 30-35 हजार रुपए खर्च करने पडे़। लोगों में अस्पताल के इस रवैये को लेकर बेहद रोष है।
जानकारी के अनुसार मामला 22 नवंबर का है। इस दिन क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में पांच हर्निया के ऑपरेशन होने थे। सब तैयारियां हो चुकी थीं लेकिन दो ऑपरेशन के बाद ही डॉक्टर ने इनकार कर दिया और बाकी तीन मरीजों को अस्पताल से जाने का कह दिया। दूर-दराज के क्षेत्रों से अस्पताल पहुंचे इन मरीजों और इनके परिजनों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा जिसे लेकर लोगों में भारी रोष है।
ग्राम पंचायत डांगरी के पकनेटा गांव निवासी 70 वर्षीय देव रतन शर्मा भी इन मरीजों में से एक हैं। देव रतन के पुत्र नरेंद्र शर्मा ने बताया कि उन्हे अस्पताल प्रबंधन से 22 नवंबर को ऑपेरशन की डेट दी गई थी। इसके लिए उन्हे 21 नवंबर को एडमिट होने के लिए कहा गया था। उन्होंने अपने पिता को 21 नवंबर को अस्पताल में एडमिट करवा दिया।
उनके टेस्ट भी लिए गए। लंच के बाद उनको दवाई खिलाई गई। सुबह उनका ऑपरेशन होना था तब तक उन्हे कुछ भी खाने को नहीं दिया गया। उन्हे 22 नवंबर को सुबह 6 बजे ऑपरेशन की ड्रेस भी पहना दी गई लेकिन सुबह 10 बजे डॉक्टर ने ऑपरेशन से इनकार कर दिया।
डॉक्टर ने अगली डेट देने से भी इनकार कर दिया साथ ही उन्हें ये भी लिखने के लिए मजबूर किया कि वह अपनी मर्जी से यहां से मरीज को ले जा रहे हैं। आनन फानन में परिजनों उन्हे ले गए और निजी अस्पताल में 30-35 हजार रुपए खर्च कर ऑपरेशन करवाना पड़ा।
लोगों ने कहा कि दूर-दराज से लोग यहां मुसीबत में पहुंचते हैं और अस्पताल प्रबंधन के इस तरह के रवैये से पहले से परेशान गरीब लोगों को और परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने सरकार से इस मामले को लेकर कड़ी कार्रवाई की अपील की है।
वहीं, क्षेत्रीय अस्पताल सोलन के अतरिक्त कार्यभार देख रहे एमएस डॉ संदीप जैन ने मामले में सफाई देते हुए कहा कि एक बड़ी इमरजेंसी आ गई थी। दो सिजेरियन केस भी आ गए थे जिसके चलते दो-तीन लोगों के ऑपरेशन कैंसिल करने पड़े।