मंडी। हिमाचल के मंडी जिला में फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना के दूसरे चरण के तहत 809.92 हेक्टेयर क्षेत्रफल लाया जाएगा। यह जानकारी देते हुए जायका चरण-2 के खंड परियोजना प्रबंधक मंडी अश्वनी कुमार ने बताया कि परियोजना के तहत 27 उप परियोजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं।
उन्होंने बताया कि 23 अक्टूबर को बहाव सिंचाई योजना पाधर के तहत आरंग में एक संवेदीकरण प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें किसानों को बाजार के अनुसार फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित किया गया। कार्यशाला में किसानों से फूलगोभी और लहसुन का फसल कैलेंडर बनवाया गया।
किसानों को स्मॉलहोल्डर हॉर्टिकल्चर एम्पावरमेंट एंड प्रमोशन के तहत ‘फसल उगा कर बेचने’ से हटकर ‘बेचने के लिए फसल उगाने’ और नकदी फसलें उगाने के लिए प्रेरित किया गया। इसके साथ ही किसानों को वेजिटेबल गार्डन के बारे में भी जानकारी प्रदान की गई।
उन्होंने बताया कि कार्यशाला में किसानों को बहाव सिंचाई योजना पाधर से आरंग और कलैहर से कटौला में फार्म प्रबंधन और बहीखाता का प्रशिक्षण भी दिया गया। व्यापारिक खेती को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्र के किसानों को सब्जी विपणन केंद्र, मंडी का भ्रमण भी करवाया गया। प्रशिक्षण कार्यशाला में जिला व खंड परियोजना प्रबंधन इकाइयों से कृषि विकास एवं प्रसार अधिकारी मौजूद थे।